प्रो. नीलिमा गुप्ता ने शाहपुर परिसर में दिया विशेष उद्बोधन

हिम न्यूज़ धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्विद्यालय अपने स्थापना दिवस एवं सप्ताह समारोह के अवसर पर डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्त ने अपने विशेष उद्बोधन से शाहपुर परिसर में शिक्षकों तथा शिक्षार्थियों का मार्गदर्शन किया। प्रो. गुप्ता ने इस अवसर मुख्य अतिथि के रूप में अपनी आभामयी उपस्थिति प्रदान की। इस अवसर पर परिसर निदेशक प्रो. भागचन्द चौहान ने सम्मानीय अतिथियों का औपचारिक अभिनन्दन किया।

इस विशेष उद्बोधन श्रृंखला पर शिक्षार्थियों ने मनभावन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। अपने उद्बोधन में प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि जिस प्रकार केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने 21 जनवरी को हर्ष और उल्लास से हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित कर समारोह को आभामयी बनाया, इसकी स्मृति देर तक हमारे मानस-पटल पर अंकित रहेंगी। यही नहीं विभिन्न विश्विद्यालयों के सम्मानित कुलपतियों का विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहना इस बात का परिचायक है कि अपनी 15 वर्ष की विकासमयी यात्रा में विश्वविद्यालय ने जिस अस्मिता को प्राप्त किया है वह स्वयं में प्रत्येक संस्थान के लिए अनु‌करणीय है, ऐसा मैं मानती हूँ ।

उन्होंने कहा कि अनेक शिक्षाविदों, समाज सुधारकों को जो सम्मान हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने प्रदान किया वह एक अलग गाथा अंकित करता है। इसके लिए मैं कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल जी की दूरदृष्टि और अतुल्य सूझ को नमन करती हूँ। इनका शिक्षा और नवाचार तथा शोध के साथ अभिन्न रूप से मार्गदर्शन न केवल अपने संस्थान तक सिमित है अपितु देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों को मार्गदर्शन प्रदान कर उन्हें एक अलग पथ के लिए प्रेरित करना स्वयं में अप्रतिम है।

सप्ताह समरोह के इस आयोजन में राष्ट्र और अंतराष्ट्रीय स्तर के ज्वलंत विषयों को भारतीय सनातन परम्परा और भारतीय दर्शन का विश्व के आलोक में अवदान से जोड़कर उद्बोधन श्रृंखला को नवीन रूप प्रदान करना प्रेरणास्पद है यह मेरा मन्तव्य है। हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने एक और भी गाथा अपने 15 वें समारोह में अंकित की जो हम सभी के लिए अनुकरणीय है। वह है यशस्वी कुलपति प्रो. बंसल का राज्यपाल जी के समक्ष यह कहना कि हम INDIAN KNOWLEDGE SYSTEM को BHARTEEY KNOWLEDGE SYSTEM (भारतीय ज्ञान परम्परा) में INDIA के स्थान पर “भारत शब्द” का प्रयोग देश के सभी विश्वविद्यालयों को आत्मसात करने के लिए कहेंगे। यही वास्तव में नवाचार की आधारशीला है।

नीलिमा ने कहा कि मुझे हर्ष है कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला ने भारतीय ज्ञान परम्परा, लोक विद्या तथा भारतीय बोली भाषा और लिपि के अवदान को पाठ्यक्रम का अनुभाग बनाकर देश में अग्रणी भूमिका निभायी है।शोध और शैक्षिक वातावरण को जो आधार कुलपति के मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है उसकी आभा समस्त विश्वविद्यालयों को आलोकित करती है। उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस विश्वविद्यालय परिवार को आत्म अवलोकन के लिए भी मार्ग प्रशस्त करता है । इस यात्रा में कौन से मानदण्ड स्थापित हुए और ऐसा कौन सा आलोक है जिसे प्राप्त करने समवेत भाव में कटिबद्ध होकर और जागरूक होने की आवश्यकता है। आपके लिए कोई भी लक्ष्य असम्भव नहीं है क्योंकि मुख्य संरक्षक की दृष्टि विश्व दृष्टि है। जिसमें अध्यात्म, एकात्मभाव और स्नेहशक्ति व्यवहार की त्रिवेणी का संगम है।

नीलिमा ने कहा कि यह दिवस हम सभी के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक है। हम अपने प्रिय विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस और सप्ताह समारोह के इस शुभ अवसर पर यहां एकत्र हुए हैं। यह न केवल उत्सव का दिन है अपितु उन विचारों, मूल्यों और उद्देश्यों को स्मरण करने का भी अवसर है, जिन पर यह विश्वविद्यालय आधारित है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना केवल एक शिक्षण संस्थान के रूप में नहीं, बल्कि एक विचारधारा के रूप में हुई थी एक ऐसी विचारधारा, जो ज्ञान, सत्य और सामाजिक उत्थान को प्राथमिकता देती है।

हमारे संस्थापकों ने यह सपना देखा था कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा का एक ऐसा केंद्र बनेगा, जो न केवल विद्यार्थियों को ज्ञान प्रदान करेगा उन्हें जिम्मेदार नागरिक भी बनाएगा। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि 15 वर्षों के कठिन परिश्रम, समर्पण और सहयोग से आप इस सपने को साकार करने में सफल हुए कार्य को किस प्रकार सुगम किया जाए उसके सूत्र प्रणेता आप सभी हैं। अपने उद्घाटन स्थापना समारोह में शिक्षकों की पुस्तकों का लोकार्पण इस तथ्य को दर्शाता है कि अकादमिक शोध और सामुदायिक विस्तार का आधार जिस प्रकार हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने तैयार किया है वह श्लाघनीय है।

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह विश्वविद्यालय अपनी शैक्षिक / शोधपरक यात्रा के माध्यम से विश्व में अपना उच्च शिखर स्थापित करेगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय गणित दिवस में प्रथम रही गरिमा ठाकुर, पोस्टर प्रतियिगिता में प्रतम रही रुचिका राणा को प्रो. नीलिमा गुप्ता ने पारितोषिक वितरित किए।