रिकॉर्ड समय में तैयार की बल्क ड्रग पार्क की डीपीआर: मुख्यमंत्री

हिम न्यूज़, शिमला- मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए स्वीकृत राष्ट्रीय महत्व की परियोजना बल्क ड्रग पार्क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) रिकॉर्ड समय में तैयार कर ली गई है। उद्योग विभाग ने यह रिपोर्ट आज राज्य सरकार को सौंप दी है।

इसके लिए उद्योग विभाग की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बल्क ड्रग पार्क जैसी राष्ट्रीय महत्व की परियोजना के लिए डीपीआर तैयार करने में सक्षम है। उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग तैयार की गई इस डीपीआर का मूल्यांकन किया जाएगा और इसे अतिशीघ्र केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊना जिले के हरोली में बनने वाले इस बल्क ड्रग पार्क में लगभग 50,000 करोड़ रुपये का निवेश  अपेक्षित है और इसमें लगभग 30000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

उन्होंने कहा कि यह पार्क पूरे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगा और यह केवल हिमाचल प्रदेश के फार्मा उद्योग ही नहीं, बल्कि देश भर के फार्मा उद्योगों की एपीआई मांग को भी पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि पार्क में बल्क ड्रग इकाईयांे के लिए कुशल लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए पार्क में ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ-साथ एनआईपीईआर के एक सैटेलाइट सेंटर का प्रावधान भी रखा गया है। इस सेंटर में अनुसंधान एवं विकास से संबंधित सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मेगा प्रोजेक्ट में 300 टीपीएच की क्षमता वाला स्टीम प्लांट, 120 मेगावाट क्षमता का पावर इंफ्रास्ट्रक्चर, 15 एमएलडी क्षमता वाले जल भंडार के साथ वाटर इंफ्रा, सॉल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट, 5 एमएलडी तक के रासायनिक निर्वहन की स्थिति में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज वाला कॉमन एफ्लुएंट प्लांट और सामान्य ढांचागत से संबंधित अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। पार्क में ये अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होने से विनिर्माण इकाइयों की प्रारंभिक पूंजी लागत काफी कम हो जाएगी। इस पार्क के निर्माण, कार्यान्वयन और अन्य सभी कार्य राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (एसआईए) द्वारा किए जाएंगे। उद्योग विभाग ने पार्क में 6 बहु ईंधन ब्वॉयलरों का प्रस्ताव भी रखा है जोकि पार्क में स्टीम की मांग को पूरा करने के साथ-साथ 36 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन भी करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना की पूंजीगत लागत लगभग 1923 करोड़ रुपये है। इसमें से केंद्र सरकार से 1000 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। जबकि, शेष 923 करोड़ की राशि सरकार देगी।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना की पंूजीगत लागत लगभग 1923 करोड़ रुपये है, जिसमें से 1000 करोड़ रुपये की ग्रांट-इन-एड भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इस पार्क के लिए शेष फंड 923 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार उपलब्ध करवाएगी।

उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर अभियान को पूर्ण करने के उद्देश्य से भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने तीन बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने की योजना अधिसूचित की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के गतिशील नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने उच्च प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने 30 अगस्त, 2022 को हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उसी समय उद्योग विभाग के प्रधान सचिव और उद्योग विभाग के निदेशक को योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार 90 दिनों के भीतर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस बहुउद्देशीय और महत्वाकांक्षी योजना को पूर्ण करने के लिए उद्योग विभाग ने 15 दिनों से कम रिकार्ड समय में डीपीआर तैयार कर आज प्रदेश सरकार को प्रस्तुत की।

उन्होंने कहा कि इस बल्क ड्रग पार्क में इकाइयां स्थापित करने के लिए कई फार्मा कम्पनियां रूचि दिखा रही हैं और प्रदेश का प्रतिनिधिमण्डल इन्वेस्टमेंट आउटरिच कार्यक्रम के अन्तर्गत शीघ्र ही हैदराबाद, मुम्बई और अहमदाबाद में निवेशकों से मुलाकात करेगा।