हिम न्यूज़ मंडी। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने आईआईटी मंडी में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) मंडी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के समन्वय से आईआईटी मंडी में आपदा न्यूनीकरण के दृष्टिगत डीपीआर बनाने के लिए तीन दिवसीय शिविर का शुभारम्भ किया। कार्यशाला में 3 प्रमुख खतरों बाढ़, भूकंप और भूस्खलन से संबंधित डीपीआर तैयार करने को लक्षित किया गया है। शिविर में जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल), नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, वन संरक्षक, अग्निशमन विभागों के 53 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कार्यशाला से जिले से प्राप्त डीपीआर की गुणवत्ता और मानक में सुधार की उम्मीद जताते हुए कहा कि है इस शिविर से विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा परियोजनाओं की गुणवत्ता युक्त डीपीआर तैयार करने में मदद मिलेगी।उन्होंने कहा कि आपदाओं से बचने के लिए हमें इनको ध्यान में रखते हुए डीपीआर बनानी होगी। उन्होंने आपदा न्यूनीकरण योजनाओं में जलवायु परिवर्तन और बढ़ती आपदाओं के पहलू को भी डीपीआर में शामिल करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से भूकंप, बाढ़, भूस्खलन आदि आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में संबंधित विभागों के कर्मचारी इससे लाभान्वित होंगे।
के वी उदय कार्यशाला समन्वयक आईआईटी मंडी ने बताया कि कार्यशाला में डीपीआर तैयार करने के लिए तीन खतरों, भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन का पता लगाया जाएगा। कार्यशाला में तकनीकी समझ में सुधार होगा और प्रतिभागियों को नई तकनीकों से परिचित हो पाएंगे। कार्यशाला में प्रतिभागियों कोे शोध के लिए फील्ड डाटा दिया जाएगा और डीपीआर के लिए नई समस्याओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।