लैंड रेवेन्यू मैनुअल में बदलाव की तैयारीः मुख्यमंत्री

हिम न्यूज़ ,शिमला-मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर के दोसड़का पुलिस मैदान में राजस्व विभाग की स्वामित्व योजना के तहत आम लोगों को संपत्ति कार्ड वितरण का शुभारंभ किया। उन्होंने 11 तहसीलों के 10-10 पात्र परिवारों को संपत्ति कार्ड वितरित कर इस योजना की शुरुआत की। प्रथम चरण में 190 गावों के 4230 से अधिक परिवारों को संपत्ति कार्ड प्रदान किये जाएंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांव के आबादी देह रकवा में भूमि मालिकों के कब्जे वाली भूमि का स्वामित्व कार्ड उन्हें उपलब्ध करवाना है, जिससे लोगों को एक बहुत बड़ी सुविधा प्राप्त हुई है।


इस योजना को धरातल पर लागू करने के लिए ड्रोन से मार्किंग की गई। अभियान के तहत प्रदेश के 15,196 गांवों में से 13,599 आबादी देह गांवों में से ड्रोन मार्किंग का कार्य पूरा कर लिया गया है, जबकि जिला हमीरपुर सहित कुल 6314 गांव के प्रथम स्तर के 16,588 नक्शे, दूसरे स्तर के 774 गांवों के 1482 नक्शे भारतीय सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त हो चुके हैं। इसके साथ ही जिला हमीरपुर में 355 आबादी देह गांवों के अंतिम स्तर के नक्शे प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें संपत्ति कार्ड जारी करने की प्रक्रिया जारी है।

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने संबोधन में कहा कि हमीरपुर देश का पहला जिला बना है, जहां आबादी देह में परिवारों को जमीन का मालिकाना हक दिया गया है। उन्होंने सभी लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि लाल डोरा में रहने वाले को अधिकार मिलने से उनकी बहुत समस्याएं हल हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही दिन से लोगों की सुविधा के लिए अनेक कार्य कर रही है। लैंड रेवेन्यू कोड में बदलाव लाया गया है, जिससे पिछले छह महीने 1.57 लाख इंतकाल किए गए है ताकि लोगों को बार-बार राजस्व कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों के निपटारे के लिए हर अधिकारी के स्तर पर समयसीमा तय कर दी गई है। लैंड रेवेन्यू मैनुअल में भी बदलाव किया जाएगा। इसके अतिरिक्त आने वाले समय में विभागीय कामकाज में अन्य बदलाव लाए जाएंगे ताकि लोगों को राजस्व कार्यालयों में बार-बार न आना पड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए साधन संपन्न लोगों के बिजली के बिल माफ कर दिए थे, जबकि वर्तमान राज्य सरकार गरीब परिवारों को सब्सिडी का लाभ दे रही है। उन्होंने संपन्न परिवारों से सरकार की सब्सिडी स्वयं छोड़ने का आह्वान किया, ताकि राज्य आत्मनिर्भर बन सके और विकास के पथ पर आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े होटल भी बिजली व पानी की सब्सिडी छोड़ने की पहल करे। उन्होंने कहा कि पानी की गुणवत्ता में सुधारने के लिए भी राज्य सरकार प्रयास कर रही है इसलिए 50 हजार से कम सालाना आय वाले परिवारों को ही पानी के बिल पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के प्रयास कर रही है और गांव में सुविधाएं बढ़ा रही है। प्राकृतिक खेती से उत्पन्न गेंहू को 40 रुपये तथा मक्की को 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदा जाएगा और इसकी सर्टिफिकेशन भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों और दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भैंस के दूध को 55 रुपये प्रति लीटर तथा गाय के दूध 45 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीद रही है। कांगड़ा जिला के ढगवार में 250 करोड़ की लागत से आधुनिक मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जा रहा है। मनरेगा की दिहाड़ी 60 रुपये की बढ़ौतरी कर 300 रुपये कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं का पात्र व्यक्तियों को लाभ उठाना चाहिए।

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्राकृतिक आपदा ने हिमाचल प्रदेश में कहर बरपाया है। इस वर्ष भी बादल फटने की घटनाओं में 31 लोग काल का ग्रास बने और 50 से ज्यादा लोगों अभी भी लापता हैं। उन्होंने कहा कि बादल फटने की घटनाओं का अध्ययन किया जाएगा, ताकि जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जा सकें।इससे पहले, मुख्यमंत्री ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग की हमीरपुर जिले पक्का भरो में 1.82 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली कलोनी और 5.59 करोड़ रुपये से बनने वाली टाउन भराड़ी-नंधन-प्लासी सड़क का शिलान्यास भी किया।

इस अवसर पर भोरंज के विधायक सुरेश कुमार ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने भूमि कानूनों में बड़े स्तर पर सुधार किए हैं ताकि लोगों को मुश्किलों का सामना न करने पड़े। उन्होंने कहा कि पहली बार निचले हिमाचल से कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री के तौर पर ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को जिम्मेदारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अनेक कदम उठा रही है। पिछले 20 महीने में कई कड़े फैसले किए गए हैं लेकिन भविष्य में इनके परिणाम सुखद आएंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष लोगों को हिमकेयर योजना के नाम पर भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है, जबकि इस योजना को बंद नहीं किया गया है। राज्य सरकार पात्र लोगों को संबल प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की जवाबदेही तय कर लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। हमीरपुर में नर्सिंग कॉलेज व नया बस अड्डा बनाया जा रहा है। इसके साथ ही हमीरपुर बाजार के सौंदर्यीकरण के लिए 20 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। हमीरपुर जिला में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाए गए हैं, सभी विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने स्वामित्व योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने के बाद से राजस्व विभाग लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए अपने कामकाज को डिजिटल करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है, जिससे राजस्व कार्यालयों में लोगों की भीड़ कम हुई है।इस अवसर पर विधायक कैप्टन रणजीत राणा, कांगड़ा कॉपरेटिव बैंक के चेयरमैन कुलदीप पठानिया, कांगड़ा कॉपरेटिव प्राथमिक कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के चेयरमैन राम चंद्र पठानिया, एपीएमसी चेयरमैन अजय शर्मा, कौशल विकास निगम के स्टेट कॉर्डिनेटर अतुल कड़ोहता, पूर्व विधायक अनीता वर्मा व मनजीत डोगरा, कांग्रेस नेता सुभाष डटवालिया, डॉ. पुष्पिंदर वर्मा व राजीव राणा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमन भारती, भारत सरकार में संयुक्त सचिव आलोक प्रेम नागर और उपायुक्त हमीरपुर अमरजीत सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।