सीएम रेस तक सुखविंदर सिंह सुक्खू का राजनीतिक सफर रहा बेहद रोचक

हिम न्यूज़ शिमला- नगर निगम शिमला से बतौर पार्षद चुनावी राजनीति की शुरुआत करने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू का मुख्यमंत्री पद तक की दौड़ का राजनीतिक सफर बेहद रोचक है । नादौन से कांग्रेस के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से स्नातकोत्तर और एलएलबी की पढ़ाई की है।
कानून की ड्रिग्री हासिल करने वाले सुक्खू ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। नादौन के एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मे सुक्खू यहीं पले-बढ़े।

एनएसयूआई से राजनीति की शुरुआत

58 वर्षीय सुक्खू ने सियासी पारी की शुरुआत एनएसयूआई से की है। 1989 में वह इसके प्रदेश अध्यक्ष बने। इसके बाद वह यूथ कांग्रेस से जुड़े और 1998 से लेकर 2008 तक प्रदेश यूथ कांग्रेस की कमान संभालते रहे।
सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म 26 मार्च 1964 को पिता का नाम रसील सिंह के घर में हुआ। उनकी पत्नी का नाम कमलेश ठाकुर है और उनकी दो बेटियां हैं। एनएसयूआई से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और संजोली कॉलेज में पहले कक्षा के सीआर और एससीए के महासचिव चुने गए। उसके बाद राजकीय महाविद्यालय संजौली में एससीए के अध्यक्ष चुने गए।
इस बीच वह दो बार शिमला म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन में पार्षद भी चुने गए। यूथ कांग्रेस के जमाने में ही वह प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सचिव बन चुके थे। राज परिवार के विरोध के बावजूद अगर सुक्खू को प्रदेश अध्यक्ष का पद मिला, तो इसके पीछे वजह काडर में उनकी लोकप्रियता और समय प्रबंधन के उनके कौशल को दिया जा सकता है।
उन्होंने साल 2003, 2007 और 2017 में नादौन का असेंबली में प्रतिनिधित्व किया।