हिम न्यूज़,दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से रोजगार मेले- 10 लाख कर्मियों के लिए भर्ती अभियान- का शुभारंभ किया। समारोह के दौरान, 75,000 नवनियुक्त व्यक्तियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
नियुक्त व्यक्तियों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने धनतेरस की बधाई और शुभकामनाओं के साथ अपनी बात शुरू की। उन्होंने कहा, “बीते आठ वर्षों में देश में रोजगार और स्वरोजगार का जो अभियान चल रहा है, आज उसमें एक और कड़ी जुड़ रही है। यह कड़ी है रोजगार मेला।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 साल को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार एक कार्यक्रम के तहत 75,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र दे रही है। रोजगार मेले का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा, “हमने तय किया कि एक बार में ही नियुक्ति पत्र देने की परंपरा शुरू की जानी चाहिए ताकि परियोजनाओं को समय-सीमा के भीतर पूरा करने का सामूहिक स्वभाव विभागों में विकसित हो।” आने वाले दिनों में भी अभ्यर्थियों को सरकार की ओर से समय-समय पर उनके नियुक्ति पत्र मिलते रहेंगे। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कई एनडीए शासित और भाजपा शासित राज्य भी इसी तरह के मेलों का आयोजन करेंगे।”
सेवा में उनके शामिल होने के समय के महत्व को रेखांकित किया और उनका स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने नवनियुक्त व्यक्तियों से कहा कि अमृत काल में, विकसित भारत के लिए संकल्प की सिद्धि के लिए हम आत्मनिर्भर भारत के रास्ते पर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भरता के पथ पर ले जाने में हमारे इनोवेटर, एंटरप्रेन्योर, उद्यमियों, किसानों, सर्विसेस और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े साथियों की बड़ी भूमिका है। सबका प्रयास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस यात्रा में सभी के प्रयास महत्वपूर्ण हैं और सबका प्रयास की यह भावना तभी संभव है जब सभी महत्वपूर्ण सुविधाएं सभी तक पहुंचें।
उन्होंने कहा कि लाखों रिक्त पदों पर चयन की प्रक्रिया को चंद महीनों में पूरा करना और नियुक्ति पत्र जारी करना इस बात का संकेत है कि पिछले 7-8 वर्षों में सरकारी व्यवस्था में बदलाव आया है। उन्होंने कहा, “आज कार्य संस्कृति बदल रही है।” उन्होंने कहा, “आज अगर केंद्र सरकार के विभागों में इतनी तत्परता, इतनी दक्षता आई है इसके पीछे 7-8 साल की कड़ी मेहनत है, कर्मयोगियों का विराट संकल्प है।” उन्होंने उन दिनों को याद किया जब सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करना एक बोझिल प्रक्रिया थी और चयन में पक्षपात व भ्रष्टाचार व्याप्त था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के शुरुआती वर्षों में केंद्र सरकार के ग्रुप सी और ग्रुप डी पदों पर सेल्फ अटेस्टेशन और इंटरव्यू की प्रक्रिया को खत्म करने जैसे कदमों से युवाओं को मदद मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा, आज भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। यह उपलब्धि पिछले 8 वर्षों में किए गए सुधारों की वजह से हासिल हुई है। 7-8 साल के भीतर हमने 10वें नंबर से 5वें नंबर तक की छलांग लगाई है। देश के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों की व्यापकता को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नकारात्मक नतीजों को काफी हद तक नियंत्रित करने का प्रबंधन कर सकता है। उन्होंने कहा, “यह संभव हो पा रहा है क्योंकि बीते 8 वर्षों में हमने देश की अर्थव्यवस्था की उन कमियों को दूर किया है, जो रुकावटें पैदा करती थी।”
कृषि, निजी क्षेत्र और एमएसएमई जैसे सबसे अधिक रोजगार देने वाले क्षेत्रों पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने उज्ज्वल भविष्य के लिए भारत के युवाओं को कुशल बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आज हमारा सबसे अधिक बल युवाओं के कौशल विकास पर है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत देश के उद्योगों की जरूरतों के हिसाब से युवाओं को ट्रेनिंग देने का एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है।” उन्होंने बताया कि स्किल इंडिया अभियान के तहत 1.25 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। पूरे देश में कौशल विकास केंद्र और सैकड़ों उच्च शिक्षा संस्थान खोले गए हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ड्रोन नीति को उदार बनाने, अंतरिक्ष नीति को खोलने और मुद्रा योजना के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के ऋण जैसी पहलों ने प्रक्रिया को और आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा, “देश में इतना बड़ा एक स्वरोजगार कार्यक्रम इससे पहले कभी भी लागू नहीं किया गया।”
उन्होंने कहा, स्वयं-सहायता समूहों के अलावा, गांवों में बड़ी संख्या में रोजगार निर्माण का एक और उदाहरण, हमारा खादी और ग्रामोद्योग है। उन्होंने कहा, “देश में पहली बार खादी और ग्रामोद्योग 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका है। इन वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग में 4 करोड़ से अधिक रोजगार बने हैं। इसमें भी बड़ी संख्या में हमारी बहनों की हिस्सेदारी है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया अभियान ने तो देश के युवाओं के सामर्थ्य को पूरी दुनिया में स्थापित कर दिया है। इसी तरह, महामारी के दौरान एमएसएमई क्षेत्र को बड़े पैमाने पर समर्थन दिया गया, जिससे लगभग 1.5 करोड़ रोजगार को बचाया जा सका। उन्होंने कहा कि मनरेगा से देश में सात करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में देश का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन है, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत। आज देश कई मामलों में एक बड़े आयातक से एक बहुत बड़े निर्यातक की भूमिका में आ रहा है। अनेक ऐसे सेक्टर हैं, जिसमें भारत आज ग्लोबल हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड तोड़ निर्यात भी मजबूत रोजगार वृद्धि का संकेत देता है।
उन्होंने कहा, “सरकार विनिर्माण और पर्यटन क्षेत्रों में व्यापक रूप से काम कर रही है क्योंकि दोनों में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।” दुनिया भर की कंपनियों के लिए भारत आने, अपने कारखाने स्थापित करने और दुनिया की मांग को पूरा करने के लिए प्रक्रियाओं को भी सरल बनाया जा रहा है। सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन देने के लिए पीएलआई योजना भी शुरू की है। जितना अधिक उत्पादन, उतना अधिक प्रोत्साहन, यही भारत की नीति है। इसके परिणाम आज कई क्षेत्रों में दिखाई दे रहे हैं। पिछले सालों में ईपीएफओ के जो आंकड़े आ रहे हैं, उनसे यह भी पता चलता है कि रोजगार को लेकर सरकार की नीतियों से स्थिति में कितना सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले आए आंकड़ों के मुताबिक इस साल अगस्त महीने में करीब 17 लाख लोग ईपीएफओ से जुड़े और अब देश की औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन गए हैं। उन्होंने बताया कि करीब 8 लाख ऐसे लोग 18 से 25 साल की उम्र के हैं।
प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से रोजगार सृजन के पहलू पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में देश भर में हजारों किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है और रेलवे लाइनों के दोहरीकरण, आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण पर देश भर में लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में नए हवाई अड्डे बन रहे हैं, रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और नए जलमार्ग बनाए जा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा, “प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन करोड़ से अधिक घर भी बनाए गए हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार देश में ज्यादा से ज्यादा नौकरियां पैदा करने के लिए कई मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के संबंध में एक सौ लाख करोड़ रुपये से अधिक के लक्ष्य के साथ भारत सरकार के काम करने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए लाखों रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर विकास कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने देश भर में विकसित किए जा रहे आस्था, आध्यात्मिकता और ऐतिहासिक महत्व के स्थानों का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए किए जा रहे इन कार्यों से पर्यटन क्षेत्र को भी नई ऊर्जा मिल रही है और दूरदराज के क्षेत्रों में भी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की युवा आबादी को हम अपनी सबसे बड़ी ताकत मानते हैं। वे आजादी के अमृत काल में एक विकसित भारत के निर्माण के पीछे प्रेरक शक्ति हैं। प्रधानमंत्री ने नवनियुक्त कर्मियों से आग्रह किया कि जब भी वे कार्यालयों में प्रवेश करें तो हमेशा अपने ‘कर्तव्य पथ’ को ध्यान में रखें। प्रधानमंत्री ने कहा, “आपको देश के नागरिकों की सेवा के लिए नियुक्त किया जा रहा है।” अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा, “21वीं सदी में भारत सरकार की नौकरी केवल एक सुविधा नहीं है, बल्कि एक प्रतिबद्धता और समयबद्ध तरीके से देश के कोने-कोने से लोगों की सेवा करने का एक सुनहरा अवसर है।”