हिम न्यूज़, शिमला :मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि आभासी (वर्चुअल) पूजा और लाइव दर्शन नए युग की पद्धतियां हैं जिनसे विश्व भर के श्रद्धालु खुद को प्राचीन तीर्थ स्थलों के साथ जुड़ा हुआ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार श्रद्धालुओं और प्रदेश के शक्तिपीठों के बीच बंधन को मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग कर रही है। यह आभासी माध्यम नवरात्र में उन श्रद्धालुओं के लिए आशीर्वाद तुल्य है जो इन मंदिरों में व्यक्तिगत रूप से जाने में असमर्थ हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के शक्तिपीठ विश्व भर से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। धार्मिक पद्धतियों में तकनीक के एकीकरण द्वारा लोगों को दर्शन करने की सुविधा मिल रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से ऑनलाइन मंच विकसित किए गए हैं। कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी मंदिर, वज्रेश्वरी मंदिर और चामंुडा मंदिर में आभासी माध्यम से पूजा, धार्मिक सामग्री जैसे प्रसाद और दान की सुविधा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन मंचों के माध्यम से श्रद्धालुओं को विशेष पूजा, मंुडन संस्कार और डाक से प्रसाद प्राप्त करने की सुविधा भी दी जा रही है जिसका श्रद्धालु पूरा लाभ उठा रहे हैं। सरकार द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि धार्मिक अनुष्ठानों की पवित्रता कायम रहनी चाहिए और आभासी माध्यम से परंपराओं को पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ निभाया जाए।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि ऊना जिले के माता चिंतपूर्णी मंदिर, हमीरपुर जिले के बाबा बालक नाथ मंदिर और शिमला के जाखू मंदिर में श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन की सुविधा दी जा रही है। लाखों श्रद्धालु तकनीकी उन्नति का भरपूर लाभ उठाकर देवी-देवताओं के आनलाइन दर्शन कर पा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, कई तीर्थ स्थलों के सोशल मीडिया हैंडल बनाकर भी श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के शक्तिपीठों का डिजिटल रूपातंरण होने से पर्यटन क्षेत्र को भी प्रोत्साहन मिल रहा है। दर्शन सहित अन्य ऑनलाइन सुविधाएं मिलने से लोगों को प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के बारे में जानकारी मिल रही है जो पर्यटकों को प्रत्यक्ष और आभासी माध्यम से दर्शन करने के लिए आकर्षित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए विभिन्न धार्मिक स्थलों की अधोसंरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में भी सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं।
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