स्टाइपंड के साथ अब ओबीसी वर्ग के बच्चे भी ले पाएंगे कोचिंग

हिम न्यूज़ धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय व डा. अंबेडकर फाउंडेशन के सहयोग से चलाए जा रहे डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र में अब अनुसूचित जाति के बच्चों के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बच्चों को भी “संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)” के साथ-साथ “राज्य लोक सेवा आयोग” की परीक्षा की तैयारी हेतु कोचिंग दी जाएगी। वहीं अगर कोई विद्यार्थी कोचिंग के दौरान किसी सिविल परीक्षा में पास हो जाता है तो उसे इंटरव्यू में आने-जाने के लिए 15 हजार रुपये दिए जाएंगे।

इसी संबंध में नई दिल्ली में डा. अंबेडकर फाउंडेशन और केंद्रीय विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस मौके पर केंद्र के नोडल अधिकारी और विवि के अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार और कुलसचिव प्रो. विशाल सूद विश्वविद्यालय की तरफ से मौजूद रहे।

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के धौलाधार परिसर-एक में अक्तूबर 2022 से इस केंद्र को शुरू किया गया है। पहले बैच 2022-23 की अवधि खत्म हो गई है। इसमें 100 अनुसूचित जाति के बच्चों को सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग दी गई। समझौता ज्ञापन के अनुसार अब केंद्र में अनुसूचित जाति के बच्चों के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बच्चों को भी सिविल परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग मिलेगी। इसमें अनुसूचित जाति के 70 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के 30 प्रतिशत बच्चे रहेंगे।

इस प्रतिशतता में 30 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिए रखीं गई हैं। इन बच्चों को केंद्र सरकार की ओर से हर माह 4000 रुपये स्टाइपंड भी दिया जाएगा, जो उनकी कक्षा में उपस्थिति के आधार पर मिलेगा। बायोमैट्रिक मशीन के माध्यम से उनकी कक्षा में हाजिरी लगेगी। स्टाइपंड बच्चों के खाते में डा. अंबेडकर फाउंडेशन सीधे स्थानांतरित करेगा। हालांकि पहले इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी।

इस संबंध में केंद्र के नोडल अधिकारी प्रो. प्रदीप के अनुसार इस समझौता ज्ञापन के बाद बच्चों को काफी सहूलियतें मिलेंगी। पहले के बच्चों के बैच को न तो स्टाइपंड की व्यवस्था थी और न ही अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों को इसमें शामिल किया गया था। इस समझौता ज्ञापन से इस केंद्र को काफी मनोबल मिलेगा। पूरे भारत में इस तरह के 30 केंद्र खोले गए हैं और हिमाचल के लिए गौरव की बात है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय को भी एक सेंटर मिला है।

वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने केंद्र के नोडल अधिकारी को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि यहां पर हिमाचल के बच्चों को अवसर मिल रहा है। पहले केवल केंद्र में एससी वर्ग के ही बच्चे शामिल थे लेकिन अब ओबीसी के बच्चों को भी इसका लाभ मिलेगा। स्टाइपंड की सुविधा से भी बच्चे लाभान्वित हो पाएंगे।निश्चित रूप से बच्चे यहां पर कोचिंग लेकर विवि का नाम रोशन करेंगे।

इसी माह अक्तूबर 2023 में ही होगी परीक्षा

डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र का पहला बैच 2022-23 पहली अक्तूबर को खत्म हो गया है। अब इसी माह केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से नए बैच की भर्ती के लिए परीक्षा ली जाएगी। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक कार्यालय की ओर से ली जाने वाली इस परीक्षा में सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे जाएंगे। 100 नंबर के इस पेपर के बाद मैरिट के आधार पर बच्चों को इस केंद्र में कोचिंग का अवसर मिलेगा। पहली नवंबर 2023 से नए बैच की कोचिंग शुरू हो जाएगी। हालांकि परीक्षा के लिए अभी तिथि तय नहीं की गई है।

इस बार एक और विकल्प का बच्चे ले पाएंगे लाभ

केंद्र के नोडल अधिकारी प्रो. प्रदीप के अनुसार अब “संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)” के साथ “राज्य लोकसेवा आयोग” की परीक्षा की कोचिंग भी बच्चो को दी जाएगी। समझौता ज्ञापन के बाद एक और विकल्प सरकार द्वारा दिया गया है। जिसमें अगर कोई सामान्य श्रेणी से संबंधित बच्चा है, या इस परीक्षा के बाद वे मैरिट में नहीं आ पाता है तो वह सालाना 75 हजार फीस देकर इस बैच में बैठ सकता है। लेकिन उसे सरकार की तरफ से कोई स्टाइपंड नहीं मिलेगा।