हिम न्यूज़ शिमला। भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने कहा कि लगातार वर्तमान कांग्रेस सरकार जन विरोधी निर्णय ले रही है। एक के बाद एक पूरे प्रदेश में केवल मात्र ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जिससे जनता परेशान ही हो रही है, बसों में किराया न्यूनतम 10 रु और मंडिया को संबोधित करते हुए मंत्री जी कह रहे है कि 5 रु के छुट्टे नहीं होते इसलिए किराया 10 रु किया जा रहा है। यह किस प्रकार का मजाक है जो जनता पर भारी पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अब स्वास्थ्य सेवाओं के ऊपर भी वर्तमान कांग्रेस सरकार की दृष्टि पड़ गई है , जहां वह इलाज के लिए पर्ची बनाने के लिए भी पैसे लेने की बात कर रहे हैं और विभाग के मंत्री ऐसे ऐसे तर्क दे रहे हैं जिससे पर्ची के लिए पैसे लेना गलत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि स्वास्थ्य मंत्री जी बुजुर्ग हो गए हैं और उनको सेवानिवृत्ति ले लेनी चाहिए, क्योंकि जनता का दर्द में समझ नहीं पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सचिवालय के बाहर दिव्यांग धरने पर बैठे हैं। कभी उन्हें प्रशासन द्वारा धक्के दिए जाते हैं, पुलिस कर्मियों द्वारा डंडे मारे जाते हैं और कभी-कभी तो वह चोटिल भी हुए हैं। इस प्रकार का रवैया वर्तमान कांग्रेस सरकार का असली हिटलर राज वाला चेहरा उजागर करता है। आज तो इन दिव्यांग व्यक्तियों के मुंह से जो नारे निकले वह पूरे हिमाचल प्रदेश में चर्चा का विषय बन गए हैं। नारे कुछ इस प्रकार थे जंगली मुर्गा किसने खाया, सुक्खू ने खाया सुक्खू ने खाया। इसी प्रकार सुक्खू मामा मंदा नहीं के भी नारे लगे, इससे प्रतीत होता है कि हिमाचल प्रदेश की जनता वर्तमान कांग्रेस सरकार और उनके मुखिया से कितनी परेशान है।
उन्होंने कहा कि शराब नीति में भी वर्तमान सरकार बुरी तरह फेल हो गई है, जहां मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बड़े-बड़े वादे किए थे कि हम इस नीति के माध्यम से हिमाचल प्रदेश की आय बढ़ाएंगे पर यह तो सपना ही रह गया, क्योंकि आधे से ज्यादा शराब के ठेके बिकी ही नहीं। हिमाचल प्रदेश में अब शराब ठेकों को बड़ी यूनिट की जगह एक-एक कर नीलाम किया जाएगा। शराब के करीब 400 ठेकों का आवंटन नहीं होने पर राज्य मंत्रिमंडल को यह फैसला लेना पड़ गया फैसला लिया है।
वर्तमान कांग्रेस सरकार की प्रत्येक प्लानिंग फेल हुई चली जा रही है और अब तो फैलियर रेट काफी बढ़ गया है, इस क्षति को संभालना मुख्यमंत्री एवं उनके सलाहकारों के लिए लगभग असंभव हो गया है।