हिम न्यूज़ भोरंज। पंचायतीराज विभाग की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन, ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करने और ग्राम विकास से संबंधित अन्य पहलुओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए पंचायतीराज विभाग ने जिला हमीरपुर में विशेष अभियान आरंभ किया है। इस अभियान के दौरान पंचायत जनप्रतिनिधियों और आम लोगों को गीत-संगीत और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी जागरुक किया जा रहा है।
अभियान के दूसरे दिन विकास खंड भोरंज की ग्राम पंचायत भोरंज और ग्राम पंचायत धीरड़ में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इन कार्यक्रमों में आस-पास की अन्य ग्राम पंचायतों सधरियाण, टिक्करी मिन्हासा, रौंही, लुद्दर महादेव, पलपल, पपलाह, लझयाणी और हनोह के जनप्रतिनिधियों, सचिवों, ग्राम पंचायत योजना एवं सुविधा दल के सदस्यों और आम लोगों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर कपिल कुमार ने जीपीडीपी तैयार करने, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, जन योजना अभियान 2024-25 और बाल सभा, महिला सभा तथा ग्राम सभाओं के आयोजन के संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं। उन्होंने बताया कि पंचायत कार्यालय के पास ही कॉमन सर्विस सेंटरों के निर्माण के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत पांच लाख रुपये की धनराशि दी जाती है। इन सेंटरों में आम लोग कई तरह के दस्तावेज बड़ी आसानी से बनवा सकते हैं तथा कई अन्य ऑनलाइन सुविधाओं का भी लाभ उठा सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से संबद्ध नटराज कला मंच के लोक कलाकारों ने गीत-संगीत और लघु नाटक के माध्यम से लोगों को पंचायतीराज विभाग की योजनाओं से अवगत करवाया। इन कलाकारों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के चहुमुखी विकास के लिए जीपीडीपी में सतत विकास के 17 लक्ष्यों का समावेश बहुत जरूरी है। जीपीडीपी तैयार करते समय इन 17 लक्ष्यों एवं इनसे संबंधित 9 विषयों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। इन 9 विषयों में गरीबी मुक्त एवं आजीविका उन्नत गांव, स्वस्थ गांव, बाल मैत्री गांव, जल पर्याप्त गांव, स्वच्छ और हरा-भरा गांव, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, सुशासित गांव और महिला सहयोगी गांव शामिल है।
उधर, जिला पंचायत अधिकारी शशिबाला ठाकुर ने बताया कि पंचायत जनप्रतिनिधियों, सचिवों और आम लोगों को जीपीडीपी एवं अन्य योजनाओं के प्रति जागरुक करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। इस अभियान के दौरान गीत-संगीत और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जा रही है।