दिव्यांग बच्चों को सही समय पर उचित मार्गदर्शन मिलना आवश्यक : अजय यादव

हिम न्यूज़ सोलन। अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय कुमार यादव ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को सही समय पर उचित मार्गदर्शन मिलना आवश्यक है। अजय यादव आज यहां अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर दिव्यांगजन स्वयं सहायता समूहों के लिए आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश से आए विशेष बच्चे, अभिभावक एवं विशेष अध्यापक उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का आयोजन हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास विभाग के सौजन्य से किया गया। कार्यक्रम समानता, समावेशिता और विकास विषय पर आयोजित किया गया है।

अजय यादव ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को प्रोत्साहित कर समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए सभी वर्गों का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन विशेष रूप से प्रतिभावान होते हैं और यदि समय पर सही मार्गदर्शन मिले तो ये बच्चे बड़ी से बड़ी बाधा को पार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि इन बच्चों ने सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिलने पर अनेक अचम्भित कर देने वाले कार्य किए हैं।

उन्होंने कहा कि हाल ही में सम्पन्न पैरा ऑलम्पिक खेल दिव्यांगजन की कर्मठता, इच्छा शक्ति और दृढ़ निश्चय का जीता जागता उदाहरण हैं। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि दिव्यांगजन को सहानुभूति नहीं अपितु समानुभूति की आवश्यकता है ताकि वह आत्मसम्मान के साथ समाज में जीवन यापन कर सकें। दिव्यांगजन समाज का अभिन्न अंग हैं और उनके उत्थान की दिशा में सभी को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में कार्यरत अध्यापकों, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि इन सब के समग्र प्रयासों से ही आज दिव्यांग अनेक स्तर पर लाभान्वित हो रहे हैं।

अजय यादव ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांगजनों की समस्याओं के बारे में आमजन को समझाना तथा उन्हें सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन दिव्यांगों की समस्याओं के प्रति गंभीर है तथा हर स्तर पर इनके निराकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. अमित रंजन तलवार ने कहा कि दिव्यांगजनों की त्वरित सहायता के उद्देश्य से प्रत्येक वीरवार को क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में दिव्यांगजन का प्रमाणपत्र निःशुल्क बनाया जाता है। ऐसे चिकित्सा शिविर ज़िला के अन्य भागों में भी समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं ताकि दिव्यांगों को उनके घर-द्वार पर ही सुविधाएं मिल सकें।

ज़िला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की अधिवक्ता दीक्षा भारद्वाज ने दिव्यांगजनों के अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि दिव्यांगों के सम्मान के प्रति समाज में सकारात्मक वातावरण व दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए हर वर्ष 03 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर भारतीय मस्कुलर डिस्ट्रॉफी संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष संजना गोयल ने कहा कि दिव्यांग का अर्थ यह नहीं कि वह किसी से कमज़ोर हैं बल्कि दिव्यांगजन में आम लोगों की तुलना में अधिक आत्मबल और इच्छा शक्ति होती है। कोई भी दिव्यांग अपने आप को दिव्यांग न समझे बल्कि अपने आत्मबल के माध्यम से जीवन में सदैव ऊंचा उठने का प्रयास करे।

भारतीय मस्कुलर डिस्ट्रॉफी संघ के राष्ट्रीय महासचिव विपुल गोयल ने कहा कि विकलांगता अभिशाप नहीं है और उचित परामर्श एवं मार्गदर्शन के द्वारा दिव्यांग व्यक्ति समाज में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सही मार्गदर्शन के साथ सही समय पर उठाया गया कदम कोई भी लक्ष्य प्राप्त करने में सहायक बनता है। जिला कल्याण अधिकारी गावा सिंह नेगी ने दिव्यांगों के लिए कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

इससे पूर्व ग्रामीण विकास विभाग की उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी कल्याणी गुप्ता ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान की। खंड विकास अधिकारी सोलन रमेश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर अपने अनुभव भी साझा किए। दिव्यांगजन स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्व निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी सभी के लिए आकर्षण का केन्द्र रही।  इस अवसर पर दिव्यांगजनों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
दिव्यांग बच्चे, उनके अभिभावक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।