हिम न्यूज़ मंडी। जिला परियोजना प्रबंधक डॉ बलवीर सिंह ठाकुर ने कहा है कि वह फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना जायका चरण-दो के तहत बन रही सिंचाई योजनाओं को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए वह जिला मण्डी, कुल्लू व लाहौल- स्पीति का समय-समय पर सघन दौरा करेंगे।
उन्होंने बताया कि लगभग 28 कार्य ठेकेदारों को आवंटित किए जा चुके है तथा खण्ड परियोजना प्रबन्धक मण्डी, कुल्लू, सरकाघाट व गोहर को भी आदेश दिए गए हैं कि इन योजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करवाएं। उन्होंने बताया कि खण्ड परियोजना प्रबन्धकों व उनके अधीन स्टाफ की समय -समय पर कार्य समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी।
जिन- जिन स्थानों पर बहाव-सिंचाई योजना का कार्य शुरू नहीं किया गया है इनके अधिकारियों को ठेकेदारों पर सख्ती करने के आदेश दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि ठेकेदारों की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है तथा उच्च गुणवत्ता आधारित कार्य करने के आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने सिंचाई बहाव योजना के पंजीकृत किसान विकास संगठनों से व योजना के अधीन आए किसानों से अपील करते हुए कहा कि प्रत्येक दिन वह कुहल निर्माण कार्य का निरीक्षण करें तथा गुणवत्ता युक्त कार्य करवाएं।
उन्होंने परियोजना से जुड़े साईट इन्चार्ज, सर्वेयर जुनियर इन्जनियरों को प्रत्येक दिन विभिन्न साईटों का निरीक्षण करने के आदेश देते हुए उन्होंने डीपीआर में दर्शाए गए कार्य के अर्न्तगत कार्य को कहा। उन्होंने कहा कि यदि कोई साईट इन्चार्ज अचानक निरीक्षण के दौरान नहीं मिला तो उसके विरूद्व सख्त कार्यवाही अम्ल में लाई जाएगी।
उन्होंने विस्तार अधिकारियों व इंजीनियरों को आदेश दिए हैं कि खण्ड परियोजना प्रबन्धक स्तर पर 4 से 5 सब प्रोजेक्ट चुने तथा उनका डाटा समय पर इकट्ठा करें ताकि डीपीआर तैयार की जा सके। किसान विकास संगठन बनाते समय खण्ड परियोजना प्रबन्धक भी वहां पर उपस्थित रहें व किसानों को फसल विविधीकरण पर पूरी जानकारी प्रदान करें व सही ट्रेनिंग दें और क्या कानून बने हैं उन्हें अमल में लाने के लाभ बताएं। इसके साथ-साथ उन्हें बतायें कि जब योजना किसान विकास संगठन को सौंपी जायेगी तो उनकी जिम्मेदारी क्या होगी।
डॉ0 बलवीर सिंह ठाकुर ने कहा कि वे प्रत्येक खण्ड परियोजना प्रबन्धक कार्यालय में शीघ्र ही योजना के अंतर्गत जुड़े ठेकेदारों से बैठक करेंगे। उन्होंने संबंधित ठेकेदारों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे सिंचाई योजना का कार्य तय की गई समय सीमा में करें व गुणवत्ता का शत प्रतिशत ध्यान रखें।
इसके साथ-साथ कुहल जो निर्माणाधीन होंगे, कार्यालय कंस्ट्रक्शन इंजीनियर को उनके कुहल के सैंपल लेने को भी कहा है। उन्होंने किसानों से भी अपील करते हुए कहा कि वे नगदी फसलों को अधिक से अधिक अपनाएं व अपनी आर्थिक स्थिति भी मजबूत करें।