हिम न्यूज़,करसोग, बरसात के मौसम में बहुत तेज बुखार होना और जोड़ों में दर्द होना स्क्रब टाइफस की बीमारी भी हो सकती है। खंड चिकित्सा अधिकारी करसोग डॉ गोपाल चौहान ने जानकारी देते बताया कि स्क्रब टाइफस को जोड़तोड़ बुखार भी कहा जाता है ।
उन्होंने बताया कि इसको फैलाने वाले मुख्य जीव पिस्सू हैं, जो हरी घास में रहने वाले जंगली चूहों, बिल्लियों, कुत्तों और गिलहरियों जैसे जानवरों पर पाए जाते हैं।
खंड चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जब कोई संक्रमित पिस्सू मनुष्य को काटता है तो यह बैक्टीरिया मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाता है, जिससे स्क्रब टाइफस हो जाता है।
यह हैं लक्षण
उन्होंने ने बताया कि यह तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और कभी-कभी शरीर पर दाने जैसे लक्षणों के साथ प्रकट होता है। बुखार पिस्सू के काटने के 6 से 21 दिनों के भीतर शुरू हो सकता है। इसके अलावा , पिस्सू के काटने की जगह पर काली पपड़ी का निशान भी हो सकता है । स्क्रब टाइफस का पता
रक्त परीक्षण से ही चलता है । इसके उपचार के लिए एंटीबायोटिक्स जैसे डॉक्सीसाइक्लिन, एज़िथ्रोमाइसिन या क्लोरैम्फेनिकोल का उपयोग किया जाता है। उन्होंने लोगों को जागरुक करते हुए बताया कि स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए घर के आसपास झाड़ियों और घास वाले क्षेत्रों से दूर रहें और शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने । स्क्रब टायफस का इलाज उपलब्ध है लेकिन यदि मरीज बहुत देर से अस्पताल जाए तो फिर इलाज मुश्किल हो जाता है ।
सावधान व सतर्क रहे
उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि इससे सावधानऔर सतर्क रहे । उन्होने बताया कि इस प्रकार को कोई भी लक्षण पाए जाने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करे। ताकि समय रहते इसका उपचार किया जा सके।