हिम न्यूज़,शिमला-बाहरी राज्य से अवैध रूप से करसोग लाए गए, सेब के लगभग 5 हजार पौधों को उद्यान विभाग करसोग की टीम द्वारा विभाग के चुराग स्थित कार्यालय में नियमानुसार आग में जलाकर नष्ट किया गया। विभाग द्वारा यह कार्रवाई हिमाचल प्रदेश फल पौध पंजीकरण व विनियमन अधिनियम-2015 की धारा 17 की उपधारा 2 के अन्तर्गत की गई।
विभाग के करसोग स्थित विषय विशेषज्ञ उद्यान डाॅ. जगदीश वर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सेब के यह पौधे करसोग क्षेत्र के ही एक व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से जम्मू एडं कश्मीर से गाड़ी में करसोग लाए जा रहे थे। विभाग को मामले की सूचना मिलने पर विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए गत 29 जनवरी को अवैध रूप से लाए जा रहे इन पौधों को पकड़ा था।
उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई को विभाग द्वारा गठित टीम की अगुवाई में फल पौधशाला पंजीकरण अधिनियम के अनुसार पूर्ण किया गया। जिसमें डाॅ. मोनिका शर्मा, डाॅ. नारायण ठाकुर व जूनियर टेक्निशियन जगदीश शामिल थे। उन्होंने बताया कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि अवैध फल पौधों के कारोबार पर लगाम लगाई जा सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुछ लोग इस तरह के अवैध फल पौधों के कारोेबार में संलिप्त है, जो प्रदेश के भोले-भाले बागवान किसानों को ठगी का शिकार बनाते है। उन्होंने बागवानों को, ऐसे लोगों से सतर्क रहने की सलाह देते हुए आग्रह किया है कि इस प्रकार के गैर पंजीकृत पौध उत्पादकों से फलदार पौधे न खरीदें और पंजीकृत नर्सरी से ही फलदार पौधों की खरीद करे ताकि पौधों की गुणवता को सुनिश्चित किया जा सके और बागवानों को नुकसान न उठाना पड़े। उन्होंने क्षेत्र के किसान बागवानों से आग्रह किया है कि अवैध फल पौधों के कारोबार में संलिप्त लोगों की सूचना विभाग को अवश्य दे ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
विषय विशेषज्ञ उद्यान ने बताया कि इस तरह के कारोबार में यदि कोई संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि कानून के अनुसार दोषी पाए जाने पर, ऐसे कारोबारी को 50 हजार रुपये तक जुर्मानें व एक वर्ष के कारावास का भी प्रावधान है।बाहरी राज्यों से फल पौधों की खरीद के लिए यह आवश्यकविषय विशेषज्ञ उद्यान डाॅ. जगदीश वर्मा ने बताया कि बाहरी राज्यों से फल पौधों की खरीद के लिए नर्सरी का लाईसेंस, पौधों का बिल, हिमाचल प्रदेश सरकार की पौधे लाने की परमिशन के अतिरिक्त जिस राज्य से फल पौधों की खरीद की जा रही है, उस राज्य के उद्यान विभाग से फल पौधे बीमारी रहित होने का प्रमाण पत्र भी होना आवश्यक है।