हिम न्यूज़ किन्नौर। जनजातीय साहित्य उत्सव के तीसरे दिवस पर सचिव भाषा कला एवम संस्कृति विभाग राकेश कंवर ने जनजातीय साहित्य उत्सव के आयोजन पर बधाई दी और कहा की इन आयोजनों से जनजातीय क्षेत्रों की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा मिलता है और साहित्य का वातावरण स्थापित होता है।
उन्होंने साहित्यिक वातावरण स्थापित करने की विशेषता पर बल दिया और पढ़ने की आदत को विकसित करने को कहा। उन्होंने कहा की आगामी समय में इसी प्रकार का कार्यकर्म शिमला में भी करवाने का प्रयास किया जाएगा, जिसमे जनजातीय क्षेत्रों के साहित्यकारों को मंच प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम में साहित्यकारों की चर्चा भी आयोजित की गई जिसमे दीपक सानन, शरभ नेगी और यशिका सिंगला ने भाग लिया और जनजातीय साहित्य, जनजातीय संस्कृति के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन का संस्कृति पर प्रभाव, इत्यादि पर चर्चा की। हिमाचल की प्रसिद्ध लेखिका मीनाक्षी कंवर ने अपनी साहित्यिक सफर सांझा करते हुए कहा की उनके द्वारा 26 पुस्तके लिखी गई है। उन्होंने कहा की उपस्थित विद्यार्थियों और अतिथियों को अपने विचारों का लेखन कर लिखने की शुरुआत करने की प्रेरणा दी।
मनोविज्ञानिक मेधावी शर्मा ने भी पड़ने की क्षमता को सुधारने पर ज्ञान सांझा किया और कहा की पढ़ने की क्षमता को बदलने के लिए स्क्रीन टाइम काम करने की आवश्यकता है। ट्राइबल गर्ल के नाम से प्रसिद्ध लाबरंग की अमिता छोरगिया नेगी ने भी जनजातीय संस्कृति पर किए जा रहे कार्यों पर अपनी प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर बालिका आश्रम की बालिकाओं ने भी सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। सचिव भाषा कला एवम संस्कृति विभाग राकेश कंवर द्वारा भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली राजकीय महाविद्यालय रिकांग पिओ की नैंसी नेगी को भी सम्मानित किया।
उपायुक्त किन्नौर तोरुल रवीश ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का साहित्य महोत्सव में पधारने के लिए धन्यावाद किया तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्थानीय विद्यालयों व राजकीय महाविद्यालय के छात्र एवम छात्राएं तथा अन्य बुद्धिजीवी उपास्थित थे।