हिम न्यूज़,शिमला-राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज जिला हमीरपुर में हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय में ‘सार्वभौमिक मानवीय मूल्य’ पर एक दिवसीय नेतृत्व विकास कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों के समावेशी विकास के लिए शिक्षा प्रणाली में मानवीय मूल्यों को शामिल करने पर विशेष बल देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विद्यार्थियों के समग्र विकास पर विशेष बल दिया गया है और इसके लिए प्रावधान भी किए गए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि सभी शिक्षाविद्ों एवं संबंधित अधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की मूल भावना को समझकर इसके सफल क्रियान्वयन की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में भारतीय मूल्यों को विकसित कर उनमें देश और समाज का नेतृत्व करने की भावना का विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय परम्परा में निहित मानवीय मूल्यों और संस्कारों के फलस्वरूप ही विभिन्न कालखंडों में राम, कृष्ण, बुद्ध और अनेक महापुरुषों ने भारत का नेतृत्व किया और आज भी वे हमारे लिए आदर्श हैं।राज्यपाल नेे कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में रोजगारोन्मुखी शिक्षा समय की मांग है। उन्होंने कहा कि हमें नैतिकता मूल्यों और व्यवहारिकता के बीच संतुलन बनाए रखकर नई पीढ़ी के बेहतर भविष्य के निर्माण की दिशा में कार्य करना चाहिए हैं।
राज्यपाल ने नेतृत्व विकास कार्यक्रम आयोजित करने के लिए हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय की प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विद्यार्थियों में मानवीय मूल्यों को विकसित करने की दिशा में विश्वविद्यालय के सतत् प्रयासों से विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है।इस अवसर पर कुलपति प्रो. शशि कुमार धीमान ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों पर नेतृत्व विकास कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रजनीश अरोड़ा ने अपने संबोधन में सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों की प्रासंगिकता तथा शिक्षा प्रणाली में इनके समावेश की आवश्यकता पर बल दिया।
विश्वविद्यालय की छात्रा प्रांजल शर्मा तथा अवनेश्वरी ने भी अपने अनुभव साझा किए।इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं पूर्व कुलपति, उपायुक्त अमरजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक भगत सिंह ठाकुर, तकनीकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के.डी.एस. कंवर, विभिन्न तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों के प्राचार्य, अन्य अधिकारी तथा प्रोफेसर भी उपस्थित थे।