हिम न्यूज़, शिमला. प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के भविश्य को लेकर एक पालिसी बनाने की तैयारी में है। इन कर्मचारियों को इस पालिसी के माध्यम से सुरक्ष प्रदान करने का खाका भी तैयार कर लिया है। इस बाबत शनिवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अन्य मंत्रियों के साथ बैठक भी की है।
इस बार आउटसोर्स कर्मचारियों के मंत्रीमंडल की बैठक में कुछ अच्छी खबर आ सकती है। पता चला है कि इस बैठक में वनए युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया राकेष पठानिया और बागवानी व जल षक्ति मंत्री मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर भी शामिल थे। आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने के विभिन्न विभागों ,बोर्ड और निगमों में लगभग 30 हजार आउटसोर्स कार्यरत कर्मचारियों के लिए पालिसी बनने की तैयारी है।
चुनाव के चलते सरकार किसी भी तरह से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को राहत देना चाहती है। अगर सरकार नीति नहीं ला पाई तो उनको बड़े कर्मचारी वर्ग का विरोध झेलना पड़ सकता है। ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारियों को फौरी राहत देने के लिए उनका मानदेय को रिवाइज करने पर भी विचार चल रहा है।
प्रदेश सरकार इन कर्मचारियों के कल्याण के लिए चिंतित है और सरकार ने गत दिसम्बर माह में सभी विभागों के साथ एक आदर्श निविदा साझा करते हुए प्रत्येक आउटसोर्स कर्मचारी को पे.स्लिप देना अनिवार्य किया है। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागोंए बोर्ड और निगमों में लगभग 30 हजार आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत है। राज्य सरकार इन कर्मचारियों के कल्याण के लिए चिंतित है और सरकार ने गत दिसम्बर माह में सभी विभागों के साथ एक आदर्श निविदा साझा करते हुए प्रत्येक आउटसोर्स कर्मचारी को पे.स्लिप देना अनिवार्य किया है।
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022.23 के बजट में आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम 10500 रुपये प्रतिमाह प्रदान करने की घोषणा की है। इसे मिलाकर वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में आउटसोर्स वर्कर्स के वेतन में बढ़ोतरी 4200 रुपये हो जाएगी।
आउटसोर्स इम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा ने मुख्यमंत्री को यूनियन की विभिन्न मांगों से अवगत करवाया था और बजट में आउटसोर्स कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी के लिए उनका आभार व्यक्त किया था ।