हिम न्यूज़ नाहन-उपायुक्त राम कुमार गौतम ने कहा कि 28 सितम्बर 2022 को विश्व रेबीज रोधी दिवस के अवसर पर जिला के पशु चिकित्सालयों में सुबह 9 बजे से सायं 4ः30 बजे तक पालतू जानवरों का मुफ्त टीकाकरण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, इस अवसर पर नाहन में एक जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम के लिए सोसायटी (एसपीसीए) के माध्यम से निराश्रित पशुओं की निरंतर सेवा कर रहे पशु प्रेमियों को सम्मानित किया जाएगा। उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम आज यहां पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग को नगर परिषद और पंचायतों के सहयोग से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में निराश्रित और पालतू कुत्तों का टीकाकरण और उनकी नसबंदी का कार्य करने के निर्देश दिए ताकि जन मानस को कुत्ते के काटने पर होने वाले जानलेवा रेबीज से सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने कहा कि जिन कुत्तों का टीकाकरण किया जाएगा उन्हें ‘‘वैक्सीनेटिड’’ का टैग लगाया जाएगा ताकि उनकी अलग से पहचान की जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि पालतु कुत्तों का टीकाकरण नहीं करवाने वाले व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एंटी रेबीज के टीके पशुपालन विभाग के पास निशुल्क उपलब्ध हैं और सभी लोग अपने-अपने पालतू कुत्तों का पशु चिकित्सालयों में टीकाकरण करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति अपने पालतू कुत्ते को बिना चेन के लेकर घुमने निकलेगा उसका भी चालान काटा जाएगा।
उप-निदेशक पशुपालन विभाग डा. नीरू शबनम ने कहा कि कुत्तों के काटने पर रेबीज के सम्बन्ध में लोगों में कई तरह के भ्रम हैं जिसे दूर किया जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि वैक्सीनेटेड होने के बावजूद यदि कुत्ता किसी व्यक्ति को काट लेता है तब भी जान की सुरक्षा की दृष्टि से उस व्यक्ति को टीका लगाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि जन्म के तीन माह पूरा होने पर छोटे कुत्ते को एंटी रेबीज का टीका लगाया जाना चाहिए, क्योंकि अधिक आयु होने पर लगाया गया टीका कारगर नहीं रहता है।
लम्पी त्वचा रोग के मामलों में आ रही है कमी
बैठक में पशुओं में फैल रहे लम्पी त्वचा रोग बारे भी चर्चा की गई जिसमें उपायुक्त ने बताया कि जिला में लम्पी वायरस को रोकने के भरसक प्रयास किये जा रहे हैं और अब इन मामलों में कमी दर्ज की जा रही है। फिर भी अगर किसी पशु में इस रोग के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत पशुपालन विभाग की नोडल टीम से संपर्क करें। पशुपालन विभाग की नोडल टीम घर द्वार पहुँच कर पशु की जांच करेगी और उसी के अनुरूप इलाज शुरू करेगी।