हिम न्यूज़ शिमला- शिमला, कांग्रेस नेता विप्लव ठाकुर की ओर से गारंटी लागू करने की बात पर बीजेपी नेता प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने सवाल पूछते हुए कहा कि कांग्रेस पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 300 यूनिट बिजली और महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने जैसी दो गारंटी लागू करके दिखाए फिर हिमाचल की बात करे। त्रिलोक ने कहा कि कांग्रेस हिमचाल में छत्तीसगढ़ का गोबर मॉडल थोपने की कोशिश कर रही है और देवभूमि हिमाचल की प्रबुद्ध जनता कांग्रेस के प्रपंचों का चुनावों में जवाब देगी।
बीजेपी नेता त्रिलोक जम्वाल ने विप्लव ठाकुर से पूछा कि कांग्रेस ने 18 से 60 वर्ष की हर महिला को 1500 रुपये हर महीना देने की बात कही है। इस हिसाब से एक महीने का खर्च 375 करोड़ रुपये और एक साल का खर्च 4 हज़ार 500 करोड़ बतना है। त्रिलोक ने कहा कि कांग्रेस बताए कि इतने पैसे कांग्रेस कहां से लाएगी। क्योंकि आज हिमाचल में केंद्र सरकार करीब 1 हज़ार 500 करोड़ की लागत से एम्स बना रही है। यदि हिमाचल में सरकार के पास इतने पैसे होते तो तत्कालीन वीरभद्र सरकार कम से कम 3 एम्स हिमाचल में एक साल में ही खोल सकती थी। अपने आपको बड़े इकोनॉमिस्ट बताने वाले कांग्रेस के लोगों को इतना सा अर्थशास्त्र समझ नहीं आ रहा। फिर यदि कांग्रेस इसे गारंटी बता रही है तो इस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में लागू करे।
बीजेपी नेता त्रिलोक ने कहा कि विप्लव ठाकुर कहती हैं कि हम सरकार में आते ही हिमाचल में 300 यूनिट बिजली फ्री करेंगे। त्रिलोक ने पूछा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस की सरकार चल ही रही वहां कांग्रेस क्यों 300 यूनिट बिजली फ्री नहीं दे रही। त्रिलोक ने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश में 14 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं का बिजली बिल जीरो आ रहा है। एक परिवार की हर महीने 400 से 500 रुपये की बचत हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से पानी के बिल नहीं लिए जा रहे। आयुष्मान और हिमकेयर योजना के माध्यम से 4 लाख 76 हज़ार से ज्यादा मरीजों का निशुल्क इलाज किया गया और सरकार करीब 500 करोड़ इस पर खर्च कर चुकी है।
त्रिलोक ने कहा कि सच तो यह है कि कांग्रेस के पास कोई विजन ही नहीं है। कांग्रेस हिमाचल में 2012 से 2017 तक सत्ता में रही। उन पांच वर्षों में कांग्रेस न तो लोगों के लिए निशुल्क इलाज और न ही निशुल्क बिजली की व्यवस्था कर पाई। अब जब हिमाचल सरकार ने ये सभी कार्य कर दिए तो इनके पास कोई काम करने के लिए बचा नहीं। यही वजह है कि इन्हें समझ नहीं आ रही कि क्या विजन जनता के सामने पेश किया जाए।