परिवार सुने बुजुर्गों के मन की बात : प्रो सत प्रकाश बंसल

हिम धर्मशाला। “बढ़ती उम्र में बुजुर्गों को भावनात्मक समर्थन की जरुरत बढ़ जाती है, इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि परिवार और समाज बुजुर्गों के मन की बात को सुने। इससे जहाँ बुजुर्गों के अनुभवों का लाभ उठाया जा सकता है, वहीं उनको भावनात्मक सम्बल भी मिल सकेगा।“ यह बातें हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सत प्रकाश बंसल ने ‘21 वीं सदी में वरिष्ठजनों की देखभाल: वर्तमान चुनौतियां, नवाचार एवं उत्कृष्टतम व्यवहार’ विषयक संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कहीं। यह संगोष्ठी हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के समाज कार्य और अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित की गई थी।

 

प्रो बंसल ने कहा कि इस संगोष्ठी में वरिष्ठजनों की समस्याओं को लेकर चिंतन किया जा रहा है, तो यह अकादमिक जगत में एक सुखद बदलाव का संकेत है। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में वरिष्ठजनों से सम्बंधित चुनौतियां और उसके संभावित समाधान को चिन्हित कर सम्बंधित मंत्रालय को भेजना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि बुजुर्गों की समस्याओं और अनुभवों को उनके मुख से सुनकर यदि लिपिबद्ध किया जाए, तो नीति-निर्माता संस्थाओं को अधिक व्यवहारिक और सटीक नीतियां बनाने में सहूलियत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि उनके जीवन को इस मुकाम तक पहुंचने में उनकी माता का आशीर्वाद हमेशा से उन्हें प्रोत्साहित करता रहा और आज भी वह उनके साथ रहती है और परिवार का मार्गदर्शन करती आ रही हैं।

इस अवसर पर अपने उद्बोधन में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. नरेंद्र कुमार सांख्यान ने युवाओं को आगाह करते हुए कहा कि बुजुर्गों से बर्ताव करते समय इस बात को याद रखना चाहिए की एकदिन सभी को बूढ़ा होना है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता जरुरी है। विशिष्ठ अतिथि के रूप में बोलते हुए ओंकार सिंह पठानिया ने कहा कि शैक्षणिक क्षेत्र में हिमाचल में बहुत सुधार हुआ है और देहरा में केंद्रीय विश्वविद्यालय का बनना इस पूरे क्षेत्र के लिए वरदान से काम नहीं है।

संगोष्ठी में स्वागत भाषण करते हुए समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो संजीत सिंह ठाकुर ने कहा कि यह संगोष्ठी केवल अकादमिक परिचर्चा नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय सामाजिक संवेदनशीलता को भी दर्शाती है। विषय प्रवर्तन प्रो. शशि पूनम ने कहा कि समाज कार्य विभाग शोध और अध्यापन के साथ अपने सामाजिक दायित्वों को लेकर भी सजग है। इस अवसर पर देश भर से आए प्रतिभागियों सहित हिमाचल परदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

संगोष्ठी में पुस्तकों का विमोचन

इस संगोष्ठी में कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन भी हुआ । जिन पुस्तकों का विमोचन हुआ उसमें प्रो. संजीत सिंह ठाकुर, प्रो. शशि पूनम डॉ. संजीव कुमार द्वारा सम्पादित ‘आर्टिफिशल इंटेलीजेंस एंड सोशल ट्राशफार्मेशन’ तथा ओंकार सिंह पठानिया की पुस्तक ‘समय कम है’ मुख्य रहीं।
वही आयोजन सचिव प्रो. शशि पूनम के अनुसार इस राष्ट्रीय सम्मेलन का शीर्षक वरिष्ठ नागरिक सम्मान था। जिसमें केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के सम्माननीय कुलपति की माता परमेश्वरी देवी जिनकी उम्र 92 वर्ष है, को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। कुछ निजी कारणों से माता श्रीमती परमेश्वरी देवी जी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाई लेकिन उनकी ओर से इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए शुभ आशीर्वाद प्राप्त हुआ जो हम सब के लिए अत्यंत हर्ष का विषय रहा। आयोजन सचिव ने निर्णय किया है कि उनके शुभ आशीर्वाद के लिए सम्मेलन के बाद परमेश्वरी देवी को उनके निवास स्थान में जाकर धन्यवाद ज्ञापित किया जाएगा।