85 प्रतिशत से अधिक कामगार, नियमित कामगार हैं

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने आज अक्टूबर-दिसंबर, 2021 की अवधि से सम्बंधित तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) की तीसरी तिमाही की रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट को श्रम ब्यूरो ने तैयार किया है, जो श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का सम्बद्ध विभाग है। श्रम ब्यूरो ने एक्यूईईएस को आधार बनाया था, ताकि हर तीन माह में रोजगार सम्बंधी जानकारी को अपडेट किया जाये और चुनिंदा नौ सेक्टरों के संगठित और असंगठित क्षेत्रों में रोजगार की स्थिति तथा प्रतिष्ठानों की जानकारी मिल सके।

उल्लेखनीय है कि गैर-कृषि प्रतिष्ठानों में सबसे ज्यादा रोजगार इन्हीं नौ सेक्टरों में मिलता है।

क्यूईएस ने ऐसे प्रतिष्ठानों से रोजगार आंकड़े जमा किये हैं, जहां 10 या उससे अधिक कामगार काम करते हैं और जो संगठित क्षेत्र से सम्बंधित हैं। इन नौ सेक्टरों में विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, यातायात, शिक्षा, स्वास्थ्य,  ठहरने के स्थान एवं रेस्त्रां, आईटी/बीपीओ और वित्तीय सेवायें आती हैं।

  • छठवीं आर्थिक जनगणना के अनुसार देश के कुल कामगारों में से 85 प्रतिशत कामगार 10 या उससे अधिक कामगारों वाली इकाइयों में काम करते हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार 10 या उससे अधिक कामगारों वाले संगठित क्षेत्र के चुनिंदा नौ सेक्टरों में रोजगार के बढ़ने का रुझान है।
  • ‘विनिर्माण’ रोजगार देने वाला सबसे बड़ा सेक्टर है, जहां कुल कामगारों में से लगभग 39 प्रतिशत कामगार काम करते हैं; इसके बाद शिक्षा सेक्टर आता है, जहां कुल कामगारों में से 22 प्रतिशत कामगार कार्यरत हैं।
  • लगभग सभी (4 प्रतिशत) प्रतिष्ठान विभिन्न नियमों के तहत पंजीकृत हैं।
  • कुल मिलाकर लगभग 55 प्रतिशत इकाइयां अपने कामगारों को उनके काम के बारे में प्रशिक्षित करती हैं।
  • नौ सेक्टरों में, स्वास्थ्य सेक्टर की 87 प्रतिशत इकाइयां रोजगार प्रशिक्षण देती हैं। उसके बाद आईटी/बीपीओ हैं, जिनकी 31.1 प्रतिशत इकाइयां प्रशिक्षण देती हैं।
  • सभी नौ सेक्टरों में लगभग 85 लाख रिक्त स्थानों की जानकारी उपलब्ध है।
  • 3 प्रतिशत नियमित कामगार हैं और 8.9 प्रतिशत ठेका मजदूर हैं।