शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से निरंतर तालाबंदी की ओर अग्रसर : बिन्दल

हिम न्यूज़ शिमला। डाॅ. बिन्दल ने हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदेश का शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से निरंतर तालाबंदी की ओर अग्रसर है। शिक्षा विभाग की सबसे पहली उपलब्धि पहले चरण में 900 स्कूलों को बंद करके छोटे-छोटे बच्चों को तीन से पांच किलोमीटर प्रतिदिन चलने का मजबूर किया। अनेकों बच्चों को मजबूरन शिक्षा छोड़नी पड़ी या निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए बाध्य होना पड़ा। दूसरे चरण में पुनः 600 स्कूलों को, अनेक काॅलेजिज को बंद करने का फरमान जारी कर दिया और शिक्षा विभाग के बढ़ते हुए कदमों को बेड़ियों से जकड़ दिया।

 

उन्होंने कहा कि तीसरे चरण में हिन्दी में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अंग्रेजी में पढ़ाने के आदेश देकर बच्चों को अधर में लटका दिया। चैथे चरण में शिक्षा निदेशालय का विवाद खड़ा करके पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया। हजारों-हजारों शिक्षकों को अलग-अलग शिक्षा निदेशालय नियंत्रित करते हैं तब भी काम चलाना कठिन होता है पर फरमान जारी कर दिया कि कुछ भी हो जाए निदेशालय तो एक ही होगा।

डाॅ. बिन्दल ने कहा कि वर्तमान सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में एक भी शिक्षक की भर्ती नहीं हुई, एक भी स्कूली सहायक की भर्ती नहीं हुई, एक भी नया स्कूल खोला नहीं गया, केवल तालाबंदी करके शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की ढींगे हांक रहे हैं। प्रदेश के गरीब परिवार बच्चों को शिक्षा देने में मोहताज होते जा रहे हैं। दो साल तक बच्चों को स्कूल की वर्दी नहीं मिली। प्रदेश का शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों में तानाशाही निर्णय लेते हुए शिक्षा विभाग को तबाह कर रहा है। उन्होनें कहा कि वर्तमान सरकार को ऐसा लगता है कि हिमाचल प्रदेश में इनसे पहले न कोई समझदार मुख्यमंत्री हुआ और न शायद कोई होगा, इसलिए सारा बर्बादी का ठेका इन्होनें ले लिया है।

भगवान परशुराम जयंती के पावन पर्व की हिमाचलवासियों को शुभकामनाएं देते हुए डाॅ. राजीव बिन्दल, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति निरंतन एवं चिरतंन है और यह सदैव निरंतन एवं चिरंतन रहेगी। उन्होनें कहा कि भगवान परशुराम का अवतरण भगवान विष्णु के दशावतारों में से एक है जिन्होनें धर्म की स्थापना के लिए भारत की पूण्य धरा पर जन्म लिया। हिमाचलवासियों के लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है कि भगवान परशुराम की जन्मस्थली हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की श्री रेणुका जी है। यह महान तीर्थ माता रेणुका जोकि भगवान परशुराम जी की जन्मदात्री है, के नाम से विख्यात है। हम सब मिलकर इस सनातन परम्परा, संस्कृति को सुदृढ़ करने के लिए कार्य करें, ऐसा आज के दिन संकल्प लेने की आवश्यकता है।