ज़िला दंडाधिकारी ने पारित किया आदेश

हिम न्यूज़,कुल्लू-ज़िला दंडाधिकारी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने एक आदेश पारित कर कहा है कि जिला कुल्लू में अजीबिका कमाने के उद्देश्य से विभिन्न व्यवसाय तथा सेवाओं के माध्यम से रेहड़ी लगाकर,  शॉल विक्रेता, फेरीवाला, मोची का कार्य विभिन्न लोगों द्वारा किया जाता है। अथवा बहुत से लोग जोकि श्रमिक कार्य में अथवा ठेके पर विभिन्न निर्माण कार्यों या बगीचों के कार्यों में लगाए कार्यरत हैं।

इन सभी कार्यों में लगे हुए लोगों द्वारा उनके पहचान संबंधी कोई भी पुष्टि  पुलिस व प्रशासन के पास नहीं करवाया जाता है। पुलिस के माध्यम से यह सामने आया है कि कुछ होटल , गेस्ट हाउस,  होमस्टे, व कैंपिंग साइट चलाने वाले मालिकों द्वारा भी अपने पास आने वाले आगंतुकों  की पहचान का कोई भी पुख्ता रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा है।पुलिस अधीक्षक कुल्लू की सुरक्षा शाखा की रिपोर्ट द्वारा यह भी सामने आया है कि यहां पर व्यक्तियों के गुम हो जाने तथा अन्य आपराधिक मामलों के संख्या भी बढ़ती जा रही है। विशेषकर मणिकरण क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं अधिक सामने आई हैं जो कि चिंता का विषय है।

यह भी सामने आया है कि होटल, रेस्त्रां, गेस्ट हाउस होमस्टे इत्यादि के मालिक अपने अतिथियों को बिना किसी पहचान के प्रमाण जैसे कि आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि के अपने यहां ठहरने की।सुविधा देते हैं जिसके कारण  किसी भी आगंतुक के  गुम हो जाने की स्थिति में अथवा अन्य अपराधिक घटना की स्थिति में उन्हें खोज पाना तथा अपराधिक घटना की पड़ताल करना संभव नहीं हो पाता।अतः उपरोक्त तथ्यों के मद्देनजर जिला दंडाधिकारी कुल्लू आशुतोष गर्ग द्वारा आदेश पारित किए गए हैं कि कोई भी नियोक्ता, ठेकेदार अथवा व्यापारी किसी भी प्रवासी श्रमिक को छोटे कार्यों, सेवाओं अथवा

ठेके के कार्यों में तब तक नहीं लगाएगा जब तक की उनके पहचान से संबंधित पुष्टि पासपोर्ट साइज की फोटो के साथ संबंधित क्षेत्र के एसएचओ से नहीं करवाई जाती।आदेश में कहा गया है कि सभी  मकानमालिकों द्वारा अपने किरायेदारों से संबंधित सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन में देना सुनिश्चित किया जाए तथा सभी होटल, होमस्टे, गेस्ट हाउस मालिकों को अनिवार्य रूप से अपने आगंतुकों तथा अतिथियों  की पहचान से संबंधित दस्तावेज जैसे कि आधार कार्ड, एपिक कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, मोबाइल नंबर इत्यादि अपने रिकॉर्ड में रखने होंगे।  आदेश की अवहेलना करना दंडनीय अपराध होगा।