हिम न्यूज़, शिमला-तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने शिमला से जारी एक प्रेस बयान में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेताओं को झूठे बयानबाजी और भ्रम फैलाने की आदत हो गई है, लेकिन बार-बार एक बात दोहराने से झूठ सच में नहीं बदल जाता। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता गारंटियांें पर दुष्प्रचार कर रहे हैं जबकि सत्य यह है कि राज्य सरकार ने पांच गारंटियांे पर खर्च होने वाली धन से अधिक धन अनियमितताओं को रोक कर बचाया है। उन्हांेने कहा कि एक ही वर्ष में चोर दरवाजों को बंद करके राज्य सरकार ने 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित किया है जिससे राज्य के वंचित वर्गों के लिए योजनाएं लाई जा रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल के भाजपा नेता देश के अन्य राज्यों में जाकर प्रदेश की छवि खराब कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए। धर्माणी ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव में जनता से जो वायदे किए थे, उनमें से पांच पूरे कर दिए गए हैं, और बाकी वायदों को भी पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो कहती है, वह पूरा करती है, जबकि भाजपा का इतिहास वादाखिलाफी से भरा है।
धर्माणी ने बताया कि अक्तूबर माह में हिमाचल सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दो बार वेतन का भुगतान किया और दो साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते की तीन किश्तें भी जारी की हैं। इसके अलावा, 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों का बकाया एरियर भी क्लीयर कर दिया है जबकि पिछली भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की देनदारियां का वर्तमान सरकार पर 10 हजार करोड़ रुपये बकाया छोड़ा था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मनरेगा की दिहाड़ी 300 रुपये और न्यूनतम दिहाड़ी 400 रुपये की, पुलिस कर्मियों की डाइट मनी 210 रूपये से बढ़ाकर 1000 रुपये की और विधवाओं के लिए विशेष योजनाएं लागू की हैं।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष आई आपदा के दौरान भाजपा ने सिर्फ राजनीति की, जबकि कांग्रेस सरकार ने अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों को 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया। आपदा में नियमों में संशोधन कर, मकान के नुकसान के मुआवजे को 1.30 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रभावित 23 हजार परिवारों को फिर से बसाया है, जबकि केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज के रूप में एक पैसे की मदद नहीं मिली। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के मानकों के अनुसार राज्य सरकार ने पीडीएनएके लगभग 9500 करोड़ रुपये के क्लेम भेजे हैं जिन्हें केन्द्र सरकार ने अभी तक जारी नहीं किया है क्योंकि हिमाचल भाजपा के नेता बार बार प्रधानमंत्री, केन्द्रीय वित्त मंत्री और केन्द्रीय गृह मंत्री से मिलकर इस धनराशि को रूकवाने में लगे हैं।
उन्होंने ने कहा कि वर्तमान सरकार जन सेवा की भावना से काम कर रही है। अनाथ बच्चों को ‘‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’’ के रूप में अपनाया गया है, और विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का खर्च भी सरकार वहन कर रही है। सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाएं बना रही है और उन्हें धरातल पर लागू कर रही है। उन्होंने कहा भाजपा नेताओं को अंनरगल बातें कर अपनी राजनीति चमकाने के बजाए प्रदेश हित में सकारात्मक दृष्टिकोण से कार्य करना चाहिए।