हिम न्यूज़,शिमला-प्रदेश सरकार हिमाचल में पर्यावरण-अनुकूल सत्त विकास को बढ़ावा प्रदान कर रही है। इस दिशा में प्रदेश में पर्यावरण हितैषी परिवहन को बढ़ावा प्रदान किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में लिए गए महत्त्वाकांक्षी निर्णय के अंतर्गत वाहन मालिक मोटर वाहन कर की एकमुश्त छूट के साथ-साथ पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) में स्क्रैप किए जाने वाले पुराने वाहनों से सम्बंधित ब्याज और जुर्माने की एकमुश्त छूट के लिए पात्र होंगे।
यह छूट एक वर्ष की समयावधि के लिए लागू होगी, जो वाहन मालिकों को मौजूदा नियमों के अनुरूप अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पर्यावरण अनुकूल दृष्टि से जिम्मेदार विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करेगी।
इसके अतिरिक्त वैध सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट प्रस्तुत करने पर नए वाहन के पंजीकरण के लिए हिमाचल प्रदेश मोटर वाहन कराधान अधिनियम-1972 की धारा 14 के तहत देय कर पर गैर परिवहन वाहनों को 15 वर्ष तक 25 प्रतिशत और परिवहन वाहनों के मामले में आठ वर्ष तक 15 प्रतिशत रियायत देने का भी निर्णय लिया गया।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार का यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ वाहन उद्योग और सम्बंधित क्षेत्रों को बढ़ावा प्रदान करेगा। सरकार के इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण की दृष्टि से नाकारा वाहनों को रि-साईकिल करना है, जिससे इन वाहनों को होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि पर्यावरण अनुकूल सत्त विकास और प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए राज्य सरकार ने कर रियायतें प्रदान की हैं।
राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य में बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सरकार द्वारा कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। प्रदेश सरकार का पहला ही बजट हरित ऊर्जा राज्य पर केंद्रित बजट था। पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा में नियमों के अंतर्गत खतरनाक सामग्रियों के उचित निपटारे को ध्यान में रखते हुए पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग सुनिश्चित की जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाहन मालिकों को पर्यावरण अनुकूल पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह दृष्टिकोण वाहन निपटारे के लिए एक वैज्ञानिक और पर्यावरण-अनुकूल प्रक्रिया सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रोत्साहन वाहन मालिकों को असंगठित स्क्रैप बाजार का लाभ लेने से रोकेंगे, जिससे राज्य सरकार के हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के राज्य सरकार के प्रयास शीघ्र फलीभूत होंगे।