महारल-दखयोड़ा पेयजल योजना के संबंध में डीसी ने लिया कड़ा संज्ञान

हिम न्यूज़, हमीरपुर । हिंदी दैनिक समाचार पत्र में ‘हमीरपुर में पेयजल योजनाएं बदहाल : महारल-दखयोड़ा वाटर प्रोजेक्ट के सेडिमेंटेशन टैंक में गंदगी और दुर्गंध, फिल्टर बेड काई से लबालब’ के शीर्षक से प्रकाशित एक समाचार का त्वरित संज्ञान लेते हुए उपायुक्त देबश्वेता बनिक ने जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं।

उपायुक्त ने जलशक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता को इस संबंध में त्वरित कदम उठाने और अतिशीघ्र इसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। उपायुक्त ने बताया कि जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को पहले ही जिले की सभी पेयजल योजनाओं के जलस्रोतों की सफाई करने तथा लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि महारल-दखयोड़ा उठाऊ पेयजल योजना के संबंध में भी विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है।

उधर, जलशक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता नरेश भोगल ने बताया कि उन्होंने फील्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूरी वस्तुस्थिति की रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने बताया कि उक्त समाचार में बताया गया फिल्टर बेड अभी इस समय प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पेयजल स्कीमों में कई फिल्टर बेड बनाए जाते हैं और इन्हें बारी-बारी प्रयोग में लाया जाता है। एक फिल्टर बेड के भर जाने के बाद उसे बंद कर दिया जाता है तथा दूसरे फिल्टर बेड को प्रयोग में लाया जाता है और पुराने फिल्टर बेड को साफ किया जाता है। सेडिमेंटेशन टैंक को भी पूरी तरह सूख जाने के बाद ही साफ किया जाता है। नरेश भोगल ने बताया कि महारल-दखयोड़ा उठाऊ पेयजल योजना के फिल्टर बेड और सेडिमेंटेशन टैंक के संबंध में भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है।