हिम न्यूज़ धर्मशाला। कांगड़ा जिला में 1143 निराश्रित बच्चों के पात्रता प्रमाण पत्र बनाए दिए गए हैं तथा संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारियों को 31 अक्तूबर तक सभी पात्र निराश्रित बच्चों को पात्रता प्रमाण पत्र वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सुखाश्रय योजना के तहत निराश्रित बच्चे लाभांवित हो सके।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि 22 अक्तूबर को शाहपुर में जिला स्तरीय सुखाश्रय योजना की लांचिंग की गई थी। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर निराश्रित बच्चों का डाटा एकत्रित किया गया है तथा उसी के आधार पर 1143 निराश्रित बच्चों के पात्रता प्रमाण पत्र बनाए गए हैं।
व्यवसायिक प्रशिक्षण तथा कोचिंग में मदद का किया प्रावधान
उपायुक्त ने बताया कि 18 से 27 आयु वर्ग के निराश्रित बच्चों को व्यवसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग के साथ साथ समाज के सक्रिय सदस्य बनने में मदद करने के लिए वित्तीय और संस्थागत लाभ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
संस्थागत निराश्रित बच्चों को मिलेगा सामाजिक सुरक्षा भत्ता
उन्होंने कहा कि सभी संस्थागत निराश्रित बच्चों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत प्रतिमाह सावधि जमा करने का प्रावधान किया गया है इसमें शून्य से 14 वर्ष आयु वर्ग के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह, 15 से 18 वर्ष के लिए 2500 रूपये मासिक सामाजिक सुरक्षा भत्ता तय किया गया है तथा कांगड़ा जिला में चालू वित वर्ष में सामाजिक सुरक्षा भत्ता के तहत 6 लाख 24 हजार रूपये खर्च किए जाएंगे।
पालना देखरेख भत्ता भी मिलेगा
संस्थागत देखभाल के बाद जो बच्चे 18 वर्ष की आयु पूरी करने बाद देखभाल संस्थान छोड़ते हैं उन्हें समाज की मुख्यधारा में फिर से शामिल करने की सुविधा के लिए प्रतिमाह चार हजार रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। कांगड़ा जिला में चालू वित वर्ष के लिए पालना देखरेख भत्ता के तहत 4 लाख 32 हजार रूपये की मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि 27 वर्ष आयु से पहले हुए अनाथ बच्चों के भूमिहीन होने पर तीन विस्वा भूमि प्रदान करने का प्रावधान है इसके साथ ही आवास सुविधा के लिए तीन लाख के अनुदान का भी प्रावधान किया गया है।