सच से डर रही कांग्रेस सरकार, अब जनप्रतिनिधियों को धमकाने पर उतरी है” — राकेश जमवाल

हिम न्यूज़, शिमला : हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब इस कदर घबरा चुकी है कि विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए न केवल राजनीतिक बयानबाजी कर रही है, बल्कि केस दर्ज करने और विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की धमकी भी देने लगी है। यह रवैया स्पष्ट रूप से लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है और बताता है कि यह सरकार अब तानाशाही मानसिकता में काम कर रही है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं सुन्दरनगर से विधायक राकेश जमवाल ने कही।

 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार से सिर्फ जनता ही नहीं, अब उनके अपने अफसर भी सुरक्षित नहीं हैं। विमल नेगी जैसे ईमानदार अधिकारी की संदिग्ध मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। यह कोई सामान्य मामला नहीं है – यह उस सड़ी-गली व्यवस्था का आईना है जो ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों को जीने नहीं देती। जब इस मौत पर सवाल उठाए गए तो सरकार ने जवाब देने की बजाय धमकी देना शुरू कर दिया।

 

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब खुद विमल नेगी का परिवार CBI जांच की मांग कर रहा है, तब सरकार को इस जांच से परहेज़ क्यों है? अगर सरकार सच में पाक-साफ है, तो CBI जांच से क्यों डर रही है? क्या उसे डर है कि जांच में कोई बड़ा खुलासा हो जाएगा?

 

राकेश जमवाल ने कहा कि भाजपा ने जो सवाल उठाए हैं, वे तथ्यात्मक और संवैधानिक दायरे में हैं। उन्होंने सरकार से प्रश्न किए कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं हुई?जिन अधिकारियों पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप हैं, वे अब तक सलाखों के पीछे क्यों नहीं हैं?हाईकोर्ट ने भी मामले की गंभीरता को रेखांकित किया है, फिर भी सरकार मौन क्यों है?सरकार से इन सवालों का जवाब मांगा गया, तो मंत्री अनिरुद्ध सिंह बौखला गए और जनप्रतिनिधियों को साजिशकर्ता बताने लगे। यह मानसिकता तानाशाही की ओर इशारा करती है, जहाँ सरकार यह तय करना चाहती है कि कौन क्या बोले।

 

 

 

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता ने साफ कहा कि कांग्रेस सरकार सच का सामना करने से डरती है, इसीलिए विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए हर हथकंडा अपना रही है – चाहे वह विशेषाधिकार हनन हो या राजनीतिक चरित्र हनन। लेकिन भाजपा ऐसे किसी भी दबाव से न झुकी है, न झुकेगी।उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक अधिकारी की मौत का मामला नहीं है, यह उस पूरी व्यवस्था पर सवाल है जो ईमानदारी की कीमत जान से वसूलती है। कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता और सत्ता का अहंकार अब जनता के सामने खुलकर उजागर हो चुका है। एक तरफ मुख्यमंत्री मंचों से पारदर्शिता की बात करते हैं, दूसरी ओर उनके मंत्री विपक्ष को धमकाते हैं। यह दोहरा चरित्र अब ज्यादा दिन नहीं छुपेगा।”

 

भाजपा मांग करती है कि विमल नेगी की मौत की निष्पक्ष जांच CBI से करवाई जाए, ताकि न केवल परिवार को न्याय मिल सके बल्कि प्रदेश की जनता को भी भरोसा हो कि ईमानदार अफसरों के साथ अन्याय नहीं होगा।

 

यदि कांग्रेस सरकार को लगता है कि उसने कुछ गलत नहीं किया है, तो उसे सीबीआई जांच से क्यों घबराहट है? कहीं ऐसा तो नहीं कि इस मौत के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक खेल है, जिसे सरकार छुपाना चाहती है?

 

राकेश जमवाल ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी। हम सड़क से सदन तक इस लड़ाई को लड़ेंगे। कांग्रेस सरकार चाहे जितनी कोशिश कर ले, भाजपा न झुकेगी, न रुकेगी, और न ही डरेगी। जब तक विमल नेगी को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक भाजपा चुप नही बैठेगी।