हिम न्यूज़,शिमला-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष गौरव कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमेशा मौजूदा समस्याओं के समाधान के लिए सुझावों के साथ साथ आम छात्रों की आवाज उठाने में सक्रिय भूमिका निभाता है। इसी के संदर्भ में आज विद्यार्थी परिषद ने वाणिज्य विभाग में PhD प्रवेश प्रक्रिया में हुई धांधली के विरोध में विभागाध्यक्ष का घेराव किया।
विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई का कहना है की विश्वविद्यालय अपने चाहितों को भरने की आढ में पिछले लंबे समय से ऐसे कुकर्मों में सम्मिलित मिलता है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय हमेशा से ही अवैध प्रवेश प्रक्रिया के मामलों में संलिप्त पाया जाता रहा है ईकाई अध्यक्ष गौरव ने कहा की लंबे समय से देखने को मिल रहा है की विश्वविद्यालय में (एमबीए आरडी) की पीएचडी में अवैध प्रवेश और वर्तमान समय में देखे तो वाणिज्य विभाग में अवैध प्रवेश के लिए प्रशासन के निरंतर प्रयास जारी हैं उन्होंने कहा की प्रशासन द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों की सीट को जनरल सीट में बदलने का काम किया प्रश्न यह है की विभाग ने बिना किसी विज्ञापन के ही सीट को कैंसल कर के जनरल में बदला प्रशासन द्वारा आरक्षण को भी समाप्त करने का प्रयास किया । प्रशासन यह सब कुछ किसी के दबाव में आ कर ऐसा कर रहा है तो परिषद ने विभागाध्यक्ष से अपने पद से त्याग पत्र देने की मांग रखी।बात रखते हुए गौरव ने बताया की एसटी की सीट को जनरल में बदलने का प्रावधान न तो यूनिवर्सिटी के ऑर्डिनेस में है और न ही यूजीसी की गाइड लाइन को मानते हुए प्रवेश प्रक्रिया करवाई ।
ईकाई अध्यक्ष गौरव कुमार ने विभाग के ऐसे कामों की निंदा करते हुए कहा की यदि आने वाले समय में विभाग इस प्रवेश को कैंसल नही करता तो अभाविप आने वाले समय में उग्र से उग्र आंदोलन करने में किसी प्रकार का गुरहेज नही करेगीअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई शिमला विश्विद्यालय प्रशासन से मांग करती है कि वाणिज्य विभाग में अवैध तरीके से प्रवेश की प्रक्रिया को रोकने के लिए शीघ्र से अमल में लाई जाए तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को प्रवेश के लिए विज्ञापन जारी किया जाए।