मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां जल विद्युत परियोजनाओं (बोनाफाइड हिमाचली एसोसिएशन) की बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों को सूक्षम एवं लघु विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए राज्य में ऋण सम्बन्धी ब्याज दरों में कटौती करने की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य सहकारी बैंक बिजली उत्पादकों को 10.50 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवा रहा है, जो पहले 13.75 प्रतिशत थी।
उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादकों को हो रही वित्तीय असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने बैंक से ऋण राशि पर ब्याज दर को और कम करने की, उनकी मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों की सुविधा के लिए मौजूदा ऋण अवधि को 30 वर्ष से बढ़ाकर 40 वर्ष किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एकमुश्त निपटान (ओटीएस) या एकमुश्त बिक्री पर विचार करने के लिए बैंक के समक्ष स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के आग्रह पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने मुख्यमंत्री से राज्य सहकारी बैंक द्वारा दिए गए ऋणों पर ब्याज दर कम करने का आग्रह किया ताकि राज्य के स्वतंत्र बिजली उत्पादकों को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अनसर्वड (बिना सेवा वाले) ब्याज को शून्य प्रतिशत ब्याज की दर से फंडिड इंटरेस्ट टर्म लोन (एफआईटीएल) में बदलने के मामले पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा एवं उद्योग आर.डी. धीमान ने मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा बैठक की कार्यवाही का संचालन भी किया।
राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष खुशी राम बालनाहटा ने कहा कि बैंक अपनी परिसंपत्ति देयता स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद ब्याज दर घटाने पर विचार करेगा।
सचिव सहकारिता डॉ. अजय शर्मा, हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा और स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों के प्रतिनिधि भी बैठक में उपस्थित थे।