हिम न्यूज़ शिमला। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने आज यहां मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वीरवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू की केन्द्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ हुई बैठक में की गई सार्थक चर्चा के निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश हित की लड़ाई लड़ रहे हैं और इसके लिए उन्होंने केन्द्रीय मंत्री खट्टर से भी स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि प्रदेश सतलुज जल विद्युत निगम से तीनों परियोजनाओं को अपने अधीन लेने को तैयार है क्योंकि निगम ऊर्जा नीति की सही तरीके से अनुपालना नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी में हिमाचल की 7.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के रूप में पिछले 15 वर्षों का बकाया मिलने से प्रदेश में विकास कार्यों को नई गति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि निजी कंपनियां ऊर्जा नीति का अनुसरण कर रही है और केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को भी इसकी अनुपालना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड प्रदेश की ऊर्जा नीति की अनुपालना नहीं करती है तब इस स्थिति में हिमाचल प्रदेश सरकार 210 मेगावाट लुहरी चरण-1, 382 मेगावाट सुन्नी परियोजना और 66 मेगावाट धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना को अपने अधीन लेने के लिए तैयार है। राज्य सरकार इन परियोजनाओं पर हुए खर्च प्रतिपूर्ति एसजेवीएनएल को देने के लिए तैयार है।
110 मेगावाट शानन परियोजना का पंजाब से अधिग्रहण सुनिश्चित करने में केन्द्र सरकार की सहायता के लिए मुख्यमंत्री युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की लीज अवधि समाप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि शानन परियोजना का क्षेत्र कभी भी पंजाब का हिस्सा नहीं रहा है इसलिए यह परियोजना पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के अधीन नहीं आती है। उन्होंने कहा कि शानन परियोजना की 99 वर्षों की लीज की अवधि समाप्त हो गई है और इस परियोजना पर अब हिमाचल सरकार का पूर्णतः अधिकार है।
उन्होंने कहा कि भले ही पंजाब सरकार उच्चतम न्यायालय में गई है लेकिन यह तय है कि अन्ततः यह परियोजना हिमाचल सरकार को ही मिलेगी। नरेश चौहान ने कहा कि भाखड़ा बांध प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को नवम्बर, 1996 से अक्तूबर, 2011 तक की अवधि के लिए प्रदेश को बकाया 13066 मिलियन यूनिट बिजली एरियर जारी किया जाना चाहिए ताकि प्रदेश में विकास कार्यो को गति प्रदान की जा सके।
पूर्व जयराम सरकार पर प्रहार करते हुए नरेश चौहान ने कहा कि सुन्नी, लुहरी और धौलासिद्ध परियोजनाओं पर जयराम सरकार के समय एसजेवीएनएल के साथ जो समझौते हुए उनमंे रॉयल्टी के मुद्दों और हिमाचल के हितों को गिरवी रख दिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत हैरानी की बात है कि विद्युत परियोजनाओं के लेकर पूर्व सरकार ने ऊर्जा नीति की अवहेलना की और कम रॉयल्टी के साथ एसजेवीएनएल के साथ समझौते किए ।