हिम न्यूज़,, शिमला :हिमाचल प्रदेश में बागवानी उद्योग पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। विदेशों से लाखों की संख्या में सेब के पौधे बिना उचित जांच और क्वॉरन्टीन् प्रक्रिया के लाए जा रहे हैं, जिससे घातक वायरस और कीट हमारे बागानों में फैल चुके हैं। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता चेतन सिंह बरागटा ने कहा कि प्रदेश सरकार क्वॉरन्टीन् नियमों को सही तरीके से लागू नहीं करवा पा रही है, जिसके कारण अब तक विभिन्न प्रकार के वायरस की पहचान हो चुकी है और कई तरह के वायरस सेब के पौधों में आ चुके हैं। यह स्थिति हिमाचल की बागवानी इंडस्ट्री के लिए बेहद खतरनाक है।
बरागटा ने बताया कि पहले हिमाचल के बागानों में न देखे गए कीट अब तेजी से फैल रहे हैं, जैसे डॉग हेड बोरर और फ्रूट फ्लाई, जो सेब के पौधों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
कानूनों को ताक पर रखकर किया जा रहा है पौधों का आयात!
विदेशों से आने वाले पौधों के लिए Plant Quarantine Order, 2003 के तहत एक साल का क्वॉरन्टीन् जरूरी है। इन पौधों को नर्सरी साइट पर विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की निगरानी में रखा जाता है, जहां उनकी गहन जांच के बाद संक्रमित पौधों को नष्ट किया जाना चाहिए। लेकिन कांग्रेस सरकार के संरक्षण में बिना किसी क्वॉरन्टीन् प्रक्रिया के ही संक्रमित पौधे खुलेआम बेचे जा रहे हैं।
सरकार में बैठे प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत!
चेतन सिंह बरागटा ने आरोप लगाया कि पौधों के आयात में शामिल कुछ व्यापारी सरकार में बैठे प्रभावशाली लोगों के साथ मिलीभगत कर चुके हैं। यही वजह है कि सारे नियमों और कानूनों को ताक पर रखकर खुलेआम संक्रमित पौधे बेचे जा रहे हैं। अगर यह लापरवाही जारी रही, तो हिमाचल का सेब उद्योग बर्बाद हो सकता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की और कहा कि गैरकानूनी तरीके से लाए जा रहे संक्रमित पौधों की बिक्री पर तुरंत रोक लगाई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।