हिम न्यूज़, शिमला :मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने प्रैसवार्ता में कहा कि प्रदेश के भाजपा नेता दूसरे राज्यों में चुनावों के दौरान प्रदेश की छवि को धूमिल करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता अपनी राजनीतिक महत्वकाक्षाओं के चलते बिना तथ्यों के गलत ब्यानबाजी कर प्रदेश के लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता सहित अन्य भाजपा नेता देश में प्रदेश की छवि को बनाने की जगह निरतंर बिगाड़ने का कार्य कर रही है। जबकि भाजपा नेताओं को प्रदेश हित में आगे आकर सरकार का साथ देना चाहिए ताकि मुख्यमंत्री के राज्य को आत्म निर्भर बनाने के संकल्प को मजबूती मिल सके।
उन्होंने कहा कि माननीय हाईकोर्ट से एक पुराने मामले में आए आदेशों में दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने के संबंध में भाजपा नेता तथ्यों से परे ब्यानबाजी कर रही है उन्होंने कहा कि यह मामला वर्ष 2009 का भाजपा सरकार के कार्याकाल से जुड़ा हुआ है तथा इस संबंध में प्रदेश के लोगों को भ्रमित कर राजनीति की जा रही है।
उन्होंने कहा कि माननीय हाईकोर्ट से इस प्रकार के आदेश पूर्व भाजपा सरकार के कार्याकाल में भी आते रहे है। उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि पूर्व सरकार के कार्याकाल में किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा नहीं मिलने की स्थिति में ऊना रेलवे स्टेशन को अटैच करने के आदेश दिए जा चुके है। उन्होंने कहा कि माननीय हाईकोर्ट द्वारा 64 करोड़ रुपये के अग्रिम प्रीमियम भुगतान मामले के संबंध में दिए गए आदेश भी इसी प्रकार का एक मामला है। उन्होंने इस मामलेे को लेकर विपक्ष के नेता पर तथ्यहीन ब्यानबाजी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि हम इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे, जिसमें हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश दिया गया था। सरकार के पास कानूनी कदम उठाने के विकल्प खुले हैं।
उन्होंने कहा कि किन्नौर स्थित 960 मेगावाट की जंगी-थोपन और थोपन-पोवारी जलविद्युत परियोजनाओं के एक मामले में भी, मेसर्ज अडानी पावर लिमिटेड ने 280 करोड़ रुपये का अग्रिम प्रीमियम वापस करने के लिए अदालत का रुख किया था और इस मामले में भी एकल पीठ के फैसले को डबल बेंच ने खारिज कर अग्रिम प्रीमियम जब्त करने को सही करार दिया था। नरेश चौहान ने कहा कि इस मामले में भी सरकार सभी पहलुओं पर विचार कर रही है और कानूनी रास्ता अपनाएगी।
उन्होंने कहा कि एचपीटीडीसी के 18 होटलों को लेकर माननीय उच्च न्यायलय के आदेशों का भी राज्य सरकार गहनता से अध्ययन कर रही है। उन्होंने कहा कि निगम के होटलों की स्थिति को जांचने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा एक सेवानिवृत आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी भी गठित की गई है। इस कमेटी की रिपोर्ट व सुझावों का भी राज्य सरकार अध्ययन करेगी।
प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने पूर्व भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके कार्याकाल के दौरान निगम के होटलों को साजिस के तहत निजी हाथों में लीज पर देने की पूरी तैयारी कर ली गई थी और मामला विधानसभा में भी पहुंच चुका था। उन्होंने कहा कि विधानसभा में विरोध होने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उस, मामले का भी गहनता से अध्ययन करेेगी। उन्होेेंने कहा कि होटलों का यह मामला वर्तमान सरकार के दो वर्षो का नहीं है बल्कि पिछली भाजपा सरकार के कुप्रबंधन का नतीजा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा देश भर में कांग्रेस की चुनी हुई राज्य सरकारों को निरंतर अस्थिर करने का प्रयास कर रही है लेकिन प्रदेश की जनता इससे भलीभान्ति परिचित है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जनहित ने अनेक निर्णय लिए है। सुख-आश्रय योजना लाकर प्रदेश के लगभग 6 हजार बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट घोषित किया है और इस संबंध में कानून बनाने वाला हिमाचल प्रदेश, देश का पहला राज्य बना है। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष इस मामले में चुप क्यों है? उन्होंने भाजपा से सवाल किया है कि इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान योजना, राजीव गांधी स्टार्ट अप योजना, सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में अंग्रेजी माध्यम शुरू करने जैसे फैसलों और कई अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर भाजपा चुप क्यों है?
उन्होंने भाजपा नेताओं को सलाह देते हुए कहा कि वे लोगों को भ्रमित करने के बजाए प्रदेश हित में राज्य सरकार के पक्ष को दिल्ली में भारत सरकार के समक्ष मजबूती से रखने में सहयोेग करें।