हिम न्यूज़ सोलन। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने सोलन नगर निगम चुनाव में महापौर के चुनाव को लेकर कांग्रेस पर सवालों की बौछार करते हुए कहा सरकार ने यह चुनाव आनन फानन में घोषित किया जिसके कारण इस चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से उलझती जा रही है। बिंदल ने सरकार से कुछ प्रश्न पूछे क्या कांग्रेस पार्टी एवं सरकार के पास कानून विवेक नहीं है? जब सर्वोच्च न्यायलय में मामला लगा हुआ था तो सरकार को चुनाव करवाने की क्या आवश्यकता आ गई ? इसके पीछे सरकार की मंशा केवल चुनावी प्रक्रिया को उलझने की थी ? क्या महापौर चुनाव में वोट दिखाना चुने हुए व्यक्ति के अधिकारों का हनन नहीं है ? सरकार को अपनी फजीहत करने की क्या जरूरत थी ?
बिंदल ने कहा कि इस प्रक्रिया से केवल मात्र सरकार एक व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाना चाहती है। तभी महापौर के चुनावों को लेकर इस प्रकार का चक्रव्यूह रचा गया, सोलन में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और सरकारी अधिकारियों को जनता के प्रति समाज सेवा की चिंता नहीं है बल्कि केवल अपनी राजनीति की चिंता है। सोलन में तो समाज सेवा कोसों दूर जाती दिखाई दे रही है, यह सोलन शहर के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि जब सर्वोच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन था, तो सरकार को इस प्रकार के चुनाव घोषित नहीं करने चाहिए थे। अभी सरकारी अधिकारियों द्वारा महापौर को इस पद पर वापस बिठाया गया है, भाजपा ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी वोट दिखाने वाली प्रक्रिया को चुनौती दी है जिसको लेकर उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को लगातार झटके लग रहे हैं और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से सरकार को एक और बड़ा झटका लगा है।
बिन्दल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के चुनाव आयोग पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्या इस प्रकार की भूमिका चुनाव आयोग को शोभा देती है। अगर किसी भी प्रकार का चुनावी हिमाचल प्रदेश में होता है तो सरकार एवं चुनाव आयोग की आपसी तालमेल से ही होता है, पर इस प्रकार चावन का घोषित होने और प्रक्रिया पर चुनाव आयोग को गंभीरता से विचार करना चाहिए।