हिम न्यूज़ ,शिमला-भाजपा के पूर्व महामंत्री एवं सदर बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जमवाल ने उन पर लगाए गए आरोपों को लेकर पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर पलटवार किया है। उन्हांेने कहा कि गोलीकांड में अपने बेटे के जेल जाने से पूर्व विधायक की मानसिक स्थिति पहले ही ठीक नहीं थी। अब उनकी अवैध व बेनामी संपत्तियों का खुलासा होने और कांग्रेस में पदविहीन हो जाने से बात और अधिक बिगड़ गई है। झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाकर वह उनकी छवि बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। केवल मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए उन पर तथ्यहीन आरोप लगाने के बजाए वह सरकार से उनकी जांच करवाएं। उन्हें ऐसा करने से कोई नहीं रोक रहा है।
त्रिलोक जमवाल ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में सदर की जनता द्वारा नकार दिए जाने के बाद से बंबर ठाकुर बुरी तरह से बौखलाए हुए हैं। बौखलाहट में आए दिन वह उनके खिलाफ अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। सरकार में उन्हें किसी भी तरह की ‘घास’ नहीं डाली जा रही है। अब तो कांग्रेस कार्यकारिणी भंग होने से वह संगठन में भी पदविहीन हो गए हैं। इसी वजह से मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए वह आए दिन उनके खिलाफ जहर उगलते रहते हैं। पूर्व विधायक ने उन पर किसी तथाकथित लेनदेन में संलिप्तता के आरोप लगाए हैं। उनके यह आरोप झूठ के पुलिंदे के सिवा और कुछ नहंी हैं।
त्रिलोक जमवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार और उसके बाद सरकार में कोई ओहदा नहीं मिलने से पूर्व विधायक पर बौखलाहट तो पहले ही हावी थी, बिलासपुर में हुई गोलीकांड की घटना में अपने बेटे के जेल की सलाखों के पीछे जाने से उनकी मनोदशा भी बिगड़ गई। रही-सही कसर कांग्रेस संगठन में पदविहीन हो जाने और उनकी अवैध व बेनामी संपत्तियों का खुलासा होने से पूरी हो गई है। जब उन्हें कुछ और नहीं सूझा तो वह उन पर किसी तथाकथित लेनदेन में संलिप्तता के झूठे आरोप लगा रहे हैं। प्रदेश में उन्हीं की पार्टी की सरकार है। सरकार जब चाहे इसकी जांच करवा सकती है। उसे ऐसा करने से कौन रोक रहा है। बेहतर होगा कि पूर्व विधायक तथ्यों के साथ बात करते हुए अपने आरोप साबित करें। उन्होंने उनके खिलाफ किसी मीडिया रिपोर्ट का हवाला भी दिया है। संबंधित मीडिया संस्थान को भी इस बारे प्रमाण देने चाहिए। झूठे आरोपों से उनकी छवि बिगाड़ने का प्रयास करने वालों के खिलाफ कानूनी पहलुओं पर विचार किया जाएगा।