सेब की बागवानी बनी स्वरोजगार का माध्यम

हिम न्यूज़ चंबा। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित  योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के सकारात्मक परिणाम  स्वरूप विकासखंड मैहला की ग्राम पंचायत कीड़ी में विभाग की पहल से  लोगों को सेब की बागवानी के माध्यम से स्थानीय स्तर पर स्थायी स्वरोजगार का एक बेहतरीन अवसर  उपलब्ध हुआ है। ज़िला विकास अधिकारी ओम प्रकाश ठाकुर का कहना है कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान ग्राम पंचायत कीड़ी के 100 परिवारों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत कार्य स्वीकृत कर लगभग 12 हजार के करीब  उन्नत किस्म के सेब पौधे वितरित किए गए हैं ।

आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एम 9 तथा एम 11  इत्यादि प्रमुख रूट स्टॉक आधारित  पौधों  की  नवीनतम  किस्मों में रेड  विलाक्स , डार्क बैरन गाला, सनीकों गाला, जेरोमाईन, किंग  रोट इत्यादि प्रमुख वैरायटीज के पौधे  लोगों को उपलब्ध करवाए गए । साथ में उन्होंने यह भी बताया कि  पौधे उपलब्ध करवाने से पहले  लोगों को खेत तैयार करने के लिए भी नियमों के अनुरूप सहायता प्रदान की गई। योजना के लाभार्थियों में गांव लग्गा के हुकम सिंह सुपुत्र शेर सिंह,  बबलू  सुपुत्र  भगत सिंह, संतो राम  सुपुत्र रोंकणी राम, शेर सिंह सुपुत्र  बेख राम, हुकम सिंह सुपुत्र अमर सिंह,  माधो राम पुत्र सोभिया राम इत्यादि ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग की इस पहल से   आसपास के क्षेत्र में भी  सेब की  सघन खेती की ओर  लोगों का रुझान बढ़ा है।

स्थानीय किसान बबलू का कहना है कि  स्थानीय लोग पत्ता गोभी, मटर  तथा  अन्य नगदी फसलों के उत्पादन करने के साथ   सेब उत्पादन के साथ भी जुड़े हैं। सेब की सघन खेती से अब किसानों को  नगदी फसलों की इंटरक्रॉपिंग (अंतरफसलीकरण) की भी सुविधा मिलती है। किसानों- बागवानों का यह भी कहना है कि  विभिन्न विकासात्मक योजनाओं के साथ-साथ  विभाग द्वारा   स्वरोजगार के  स्थाई विकल्प उपलब्ध करवाना किसानों और बागवानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में  एक महत्वपूर्ण कदम है।