ग्रामीण भारत में सतत जल और मृदा संरक्षण गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु एक राष्ट्रीय पहल

हिम न्यूज़ दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान कल 11 नवंबर, 2025 आंध्र प्रदेश के गुंटूर में ‘वॉटरशेड महोत्सव’ का शुभांरभ करेंगे। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत भूमि संसाधन विभाग, आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से 10-11 नवंबर 2025 को गुंटूर में राष्ट्रीय वॉटरशेड सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इसी सम्मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ‘वॉटरशेड महोत्सव’ का शुभारंभ करने आंध्र प्रदेश के गुंटूर पहुंच रहे हैं।

इस राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य एजेंडा राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0) परियोजनाओं के कार्यान्वयन के वॉटरशेड विकास घटक की प्रगति की समीक्षा, विभिन्न हितधारकों के साथ 2026 से आगे लागू की जाने वाली भावी वॉटरशेड विकास योजना के दृष्टिकोण पर चिंतन, जागरूकता और जन भागीदारी बढ़ाने के लिए “वॉटरशेड महोत्सव” का लॉन्च और पूर्व वॉटरशेड परियोजनाओं के तहत निर्मित परिसंपत्तियों की मरम्मत के लिए “मिशन वॉटरशेड पुनरुद्धार” का शुभारंभ करना है।

“जन-भागीदारी” को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में राज्य और विशिष्ट वॉटरशेड परियोजना स्तर पर वॉटरशेड महोत्सव मनाया जाएगा। इस महोत्सव के अंतर्गत वॉटरशेड जनभागीदारी कप 2025 के विजेताओं को पुरस्कृत करना, पूर्ण हो चुके कार्यों का लोकार्पण, नए कार्यों का भूमिपूजन, श्रमदान, वृक्षारोपण अभियान आदि कार्यकलाप शामिल हैं।

डब्ल्यूडीसी- पीएमकेएसवाई 1.0 स्कीम के तहत निर्मित मृदा और जल संरक्षण संरचनाओं के रखरखाव, मरम्मत के लिए एक नई दिशा और गति देने के लिए वॉटरशेड महोत्सव के तहत मिशन वॉटरशेड पुनरुत्थान को भी शुरू किया जाएगा। मनरेगा स्कीम से फंड का उपयोग करके इन कार्यों को आरम्भ करने के लिए प्रभावी तंत्र स्थापित किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ‘वॉटरशेड महोत्सव’ का औपचारिक शुभारंभ वरिष्ठ गणमान्यों की उपस्थिति में सुबह 11 बजे लोयाला पब्लिक स्कूल ग्राउंड, नल्लापाडु, गुंटूर से करेंगे। उद्घाटन अवसर पर ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और आंध्र प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं नोडल मंत्री श्री कोनिडाला पवन कल्याण भी शामिल रहेंगे। साथ ही नीति निर्माताओं, संबंधित मंत्रालयों/विभागों के प्रतिनिधियों, अनुसंधान संगठनों के वैज्ञानिकों, प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों की भी भागीदारी होगी।

यह महोत्सव ग्रामीण भारत में सतत जल और मृदा संरक्षण गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु एक राष्ट्रीय पहल है। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई के अंतर्गत वॉटरशेड विकास की उपलब्धियों और भविष्य की रूपरेखा को प्रदर्शित करना है। केंद्रीय मंत्री का यह दौरा जल सुरक्षा सुनिश्चित करने, ग्रामीण आजीविका को सुदृढ़ करने और समुदाय-आधारित वॉटरशेड प्रबंधन के माध्यम से कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार के एकीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है।

‘वॉटरशेड महोत्सव’ के शुभारंभ के बाद केंद्रीय मंत्री अन्य कार्यक्रमों में भी सहभागिता करेंगे। केंद्रीय मंत्री कृषि परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के क्षेत्रों में सहयोगात्मक प्रयासों पर चर्चा करने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू से भेंट करेंगे और इसके बाद केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री चंद्रशेखर पेम्मासानी से भी कुंचनपल्ली में उनके निवास स्थल पर मुलाकात करेंगे।

पृष्ठभूमि:

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 ( डब्ल्यूडीसी- पीएमकेएसवाई 2.0) का वाटरशेड विकास घटक, वर्षा सिंचित और बंजर भूमि के विकास के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) है, जिसका क्रियान्वयन भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग (डीओएलआर) द्वारा देश के सभी राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में किया जा रहा है। इसके अंतर्गत किये जाने वाले प्रमुख कार्यकलापों में मृदा और नमी संरक्षण कार्य जैसे चेक डैम, ग्राम तालाब, कृषि तालाबों का निर्माण/कायाकल्प; वर्षा जल संचयन, स्प्रिंग शेड विकास, नर्सरी तैयार करना, वृक्षारोपण, चारागाह विकास, परिसंपत्तिहीन व्यक्तियों के लिए आजीविका आदि शामिल हैं।