हिम न्यूज़ शिमला। शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को स्वास्थ्य व्यवस्था की बेहतरी के लिए गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है। सिर्फ जुबानी जमा खर्च से न प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरेगी और नहीं मरीजों का बेहतर इलाज हो पाएगा। प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने की दिशा में सरकार को ईमानदारी से तुरंत काम करने की आवश्यकता है। आज हालात यह हैं कि पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और इसका सीधा खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेशवासियों को न तो केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित स्वास्थ्य योजनाओं का समुचित लाभ मिल पा रहा है और न ही राज्य सरकार अपनी योजनाओं का ढंग से क्रियान्वयन कर पा रही है। कागजों में योजनाएं जरूर चल रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि मरीज इलाज के लिए भटकने को मजबूर हैं। पूरा प्रदेश मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है। डॉक्टरों, नर्सों, तकनीकी कर्मियों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार इन्हें भरने के बजाय केवल घोषणाओं और आंकड़ों का खेल खेल रही है। अस्पतालों में न पर्याप्त डॉक्टर हैं, न जरूरी उपकरण और न ही समय पर दवाइयां उपलब्ध हो पा रही हैं।
आईजीएमसी शिमला में बीते दिनों हुई मारपीट की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह घटना सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक गंभीर चेतावनी है। अस्पतालों में अव्यवस्था, भीड़, सुरक्षा व्यवस्था की कमी, काम का अधिक दबाव और प्रशासनिक लापरवाही ऐसी घटनाओं को जन्म दे रही है। सरकार को इस घटना से सबक लेते हुए केवल बयानबाजी नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाने चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देते हुए तुरंत खाली पदों को भरना चाहिए, अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए, दवाइयों और उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए तथा केंद्र की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए ईमानदारी से काम करना चाहिए।
हिम केयर, आयुष्मान सहित केंद्र की स्वास्थ्य योजनाओं का प्रभावी तरीके से मिले प्रदेश वासियों को लाभ
जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेशवासियों को हिमकेयर, आयुष्मान भारत सहित केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ प्रभावी और निर्बाध रूप से मिलना चाहिए। ये योजनाएं गरीब, मध्यम वर्ग और जरूरतमंद परिवारों के लिए जीवन रक्षक हैं, लेकिन वर्तमान में इनके क्रियान्वयन में लापरवाही और अव्यवस्था के कारण आम जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा है। छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए मरीज को अस्पतालों में भटकना पड़ता है और केंद्र द्वारा बजट दिए जाने के बाद भी बहुत सी दवाएं मरीजों को नहीं मिल पाती हैं।