उन्होंने बताया की भानुपल्ली — बिलासपुर –बेरी रेलवे लाइन के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश में 124 हैक्टर भूमि की जरूरत है लेकिन राज्य सरकार ने रेलवे को अभी तक मात्र 82 हैक्टर भूमि ही ट्रांसफर की है तथा ट्रांसफर भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने बताया की इस रेल परियोजना के निर्माण में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बिलासपुर से बेरी के बीच भूमि स्थानांतरित नहीं की गई है जिसकी बजह से इस परियोजना का निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने राज्य सभा सांसद सुश्री इंदु बाला गोस्वामी को सदन में बताया की 63 किलो मीटर लम्बी भानुपल्ली — बिलासपुर –बेरी रेलवे लाइन के निर्माण कार्य की 25 प्रतिशत निर्माण लागत राज्य सरकार द्वारा वहन की जानी है जबकि इस परियोजना की बाकी 75 प्रतिशत निर्माण लागत केन्द्र सरकार द्वारा वहन की जा रही है।
उन्होंने बताया की इस परियोजना पर कुल 6753 करोड़ लागत स्वीकृत की गई है जिसमे 1617 करोड़ भूमि अधिगहण की लागत भी शामिल है। उन्होंने बताया की अब तक इस परियोजना पर 5,252 करोड़ रूपये खर्च किये जा चुके हैं जिसमे राज्य सरकार की देनदारी 2,711 करोड़ रूपये बनती है लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक मात्र 847 करोड़ रूपये अदा किये हैं और 1,863 करोड़ की आदायगी शेष है। उन्होंने बताया की राज्य सरकार द्वारा अपने हिस्से की अदायगी जमा न करने से इस परियोजना के निर्माण में देरी हो रही है।
उन्होंने बताया की केन्द्र सरकार इस परियोजना को पूरा करने के लिए बचनबद्ध है लेकिन इसकी सफलता राज्य सरकार के सहयोग पर निर्भर करती है। उन्होंने बताया की बर्ष 2009 -14 के बीच हिमाचल प्रदेश में रेलवे के ढांचागत विकास के लिए 108 करोड़ रूपये प्रदान किये गए जबकि 2025 -26 के लिए हिमाचल प्रदेश की रेल परियोजनाओं के लिए 2716 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने राज्य सभा सांसद सुश्री इंदु बाला गोस्वामी को सदन में बताया की हिमाचल में रेल ढांचे के विकास के लिए 52 किलो मीटर लम्बे दौलतपुर चौक —करतोली —तलवाड़ा रेलवे लाइन का काम शुरू किया गया है। 1540 करोड़ रूपये लागत की 28 किलोमीटर लम्बी चण्डीगढ़ –बद्दी नई रेलवे लाइन का निर्माण कार्य शुरू किया गया है।