हिम न्यूज़,कुल्लू –उन्होंने कहा कि यह डि-एडिक्शन सेंटर जहाँ लोग नशे की गिरफ्त से बाहर निकलने का साहस जुटा पाते हैं। यहां पर पुरुषों के 20 तथा महिलाओं के लिए अलग 15 बिस्तरों की क्षमता की आपीडी उपचार की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र में 30 बिस्तर की क्षमता का कि व्यवस्था के लिए निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि महिलाओं में बढ़ती नशे की समस्या को लेकर भुंतर में चल रहा महिला नशा निवारण और पुनर्वास केंद्र भी सरकार के प्रयासों का एक संतुलित और दूरदर्शी कदम है। मार्च 2022 से अक्टूबर 2025 तक सैकड़ों महिलाएँ यहाँ उपचार, परामर्श और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं। केंद्र की गोपनीयता नीति और उपचारोपरांत लगातार फॉलो-अप इसे विशिष्ट बनाते हैं। यह इस बात का संकेत है कि सरकार नशा मुक्ति को केवल कानून की दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक पुनर्वास के रूप में भी देख रही है।
इस केंद्र के कार्य की सराहना करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार ने नशे के खिलाफ़ सख्ती से। निपटने का अभियान चलाया है तथा नशे का व्यापार करने वालों के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
केंद्र के बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में यह केंद्र हजारों लोगों की जिंदगी से अंधकार को दूर कर उन्हें नई शुरुआत का अवसर दे चुका है। पुरुष और महिलाओं के लिए अलग, सुरक्षित सुविधाओं के साथ यह प्रदेश का एकमात्र सरकारी केंद्र है, जहाँ उपचार के साथ-साथ योग, व्यायाम, काउंसलिंग और मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से पुनर्वास की संवेदनशील प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से संचालित किया जा रहा है।
इस अवसर पर जिला रेडक्रॉस सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।