हिम न्यूज़ धांगसीधार (मंडी)। संचार एवं क्षमता विकास इकाई (CCDU), राज्य प्रशिक्षण केंद्र, धांगसीधार, मंडी, जल शक्ति विभाग, हिमाचल प्रदेश के तत्वावधान में राज्य स्तरीय एक दिवसीय आवासीय कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। यह कार्यशालाएँ 18 सितम्बर, 19 सितम्बर, 23 सितम्बर एवं 24 सितम्बर को चार चरणों में संपन्न हुईं, जिनमें 200 से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारीगण ने सहभागिता की।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता श्रीमती पूनम ठाकुर, सहायक आयुक्त (आबकारी एवं कराधान) रहीं। उन्होंने प्रतिभागियों को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के विभिन्न प्रावधानों, सरकारी विभागों में इसके व्यवहारिक पक्षों तथा उपयोगिता पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने जीएसटी के अंतर्गत पंजीकरण प्रक्रिया, अनुपालन, टीडीएस प्रावधान, कर योग्य मूल्य और इनवॉइस मूल्य का अंतर, 50,000 रुपये से अधिक पर ई-वे बिल की अनिवार्यता, आपूर्ति का मूल्य निर्धारण, रिफंड प्रक्रिया, विवाद निपटान प्रणाली, GST 2.0 जैसे नवीनतम सुधार आदि विषयों को विस्तार से समझाया।
उन्होंने बताया कि हाल ही में 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनमें –
छोटे करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को और सरल बनाना, ऑनलाइन रिफंड प्रणाली को पारदर्शी बनाना, जीएसटीएन पोर्टल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित नई सुविधाएँ लागू करना, ई-वे बिल व्यवस्था में ढील एवं सरलीकरण, कुछ आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त करना तथा “GST 2.0 – नेक्स्ट जेनरेशन ऑफ रिफॉर्म्स” के तहत डिजिटल अनुपालन व्यवस्था को मजबूत करना शामिल है।
इन सुधारों से न केवल सरकारी विभागों बल्कि आम जनता और करदाताओं को भी लाभ मिलेगा। कार्यशाला की प्रभारी श्रीमती ललिता कुमारी (CCDU, धांगसीधार) ने बताया कि चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभागियों के लिए रहने एवं भोजन की उचित व्यवस्था की गई थी। प्रतिभागियों ने विषय-वस्तु में गहरी रुचि दिखाई तथा जीएसटी संबंधी विभिन्न पहलुओं पर प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
अधिकारियों ने इस अवसर पर साझा किया कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से उन्हें जीएसटी के प्रावधानों की स्पष्ट समझ प्राप्त होती है और सरकारी विभागों में पारदर्शिता एवं अनुपालन सुनिश्चित करने में सहूलियत मिलती है।