हिम न्यूज़ बिलासपुर। प्रो. (डा.) नरेंद्र कुमार अरोड़ा ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिनांक 14 अगस्त, 2025 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, बिलासपुर का अध्यक्ष नामित किए जाने के बाद संस्थान का पहला दौरा आज दिनांक 15.09.2025 को संपन्न हुआ। प्रो. (डा.) नरेंद्र कुमार अरोड़ा एक प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ एवं नैदानिक महामारी विज्ञान (क्लिनिकल एपिडेमियोलॉजी) के विद्वान है, जिन्होंने बाल स्वास्थ्य, टीकाकरण एवं जनस्वास्थ्य नीति के क्षेत्र में राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय योगदान दिया है।
वर्तमान में वे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, देवघर के अध्यक्ष के रूप में दायित्व निभा रहे हैं तथा इनक्लेन ट्रस्ट इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक एवं बाल स्वास्थ्य एवं पोषण अनुसंधान पहल (चाइल्ड हेल्थ एंड न्यूट्रिशन रिसर्च इनिशिएटिव) के निदेशक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
डा. अरोड़ा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की विभिन्न उच्च स्तरीय समितियों में सदस्य एवं अध्यक्ष के रूप में दायित्व निभाए हैं, जिनमें टीका सुरक्षा, टीकाकरण नीति, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, कोविड-19 टीका रणनीति तथा जीनोम अनुश्रवण से संबंधित प्रमुख समितियाँ सम्मिलित रही हैं। भारत में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम, टीकाकरण हेतु राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई), एईएफआई राष्ट्रीय समिति तथा कोविड-19 टीका कार्यान्वयन में उनके नेतृत्व को अत्यंत सराहनीय एवं प्रशंसनीय माना गया है।
दिनांक 15 सितम्बर, 2025 को नवनियुक्त अध्यक्ष प्रो. (डा.) नरेंद्र कुमार अरोड़ा का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, बिलासपुर में प्रथम आगमन हुआ। इस अवसर पर संस्थान के कार्यकारी निदेशक प्रो. (डा.) डी एन. शर्मा, अधिष्ठाता, उपनिदेशक (प्रशासन), चिकित्सा अधीक्षक, संकाय सदस्य एवं अन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। डा. अरोड़ा ने संस्थान की प्रगति की समीक्षा करते हुए महत्त्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया।
उन्होंने आश्वस्त किया कि वे संस्थान की उन्नति एवं प्रगति के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और डॉ० अरोड़ा ने अपने उद्बोधन में संकाय सदस्यों एवं छात्रों का अह्वान किया कि वे चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान हेतु निरंतर प्रयास करें और संस्थान की प्रगति में योगदान देकर इतिहास बनाएँ। उन्होंने एम्स जैसे संस्थानों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “एम्स मात्र एक संस्थान नहीं अपितु एक विचार धारा है।” अतः हमें उच्च आदर्शों का पालन करते हुए उच्च स्तरीय चिकित्सीय सुविधाएँ प्रदान कर देश की प्रगति में अपना योगदान सुनिश्चित करना होगा।।