हिम न्यूज़ हमीरपुर। विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य पर स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर डॉ. प्रवीण चौधरी के निर्देशानुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोट के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्र पनियाली में एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए विभाग के जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बीरबल वर्मा ने बताया कि हर साल मनाए जाने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह का मुख्य उद्देश्य शिशुओं के लिए मां के दूध के महत्व से अवगत करवाना है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी स्वस्थ और सुपोषित हो।
उन्होंने बताया कि शिशुओं का सबसे ज्यादा मानसिक विकास 2 वर्ष की आयु तक होता है। इसलिए, इस अवधि के दौरान उनके पोषण का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाना चाहिए। शिशुओं के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए मां का दूध सर्वाेत्तम आहार है। जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने कहा कि मां का दूध शिशु के लिए प्रकृति की अदभुत देन है। इस अमृतनुमा पेय में सभी प्रकार के विटामिन एवं मिनरल्स पाए जाते हैं। जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला गाढ़ा दूध जिसे कोलेस्ट्रम भी कहते हैं, पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह शिशुओं को कई रोगांे से बचाता है। इसे शिशु को अवश्य पिलाना चाहिए।
बलवीर वर्मा ने कहा कि प्रथम 6 माह के दौरान मां अपने बच्चे को अपना दूध ही पिलाए। अन्य कोई खाद्य पदार्थ न दे। 6 माह बाद शिशु को घर में बना हुआ ऊपरी आहार देना चाहिए और 2 वर्ष की आयु तक स्तनपान जारी रखना चाहिए। दस्त, निमोनिया और अन्य बीमारी की स्थिति में भी बच्चे के लिए स्तनपान सुरक्षित है। स्तनपान करवाना मां के लिए भी फायदेमंद होता है। इससे माताओं का गर्भाशय जल्दी संकुचित होकर सही जगह पर आ जाता है। स्तन और गर्भाशय कैंसर का जोखिम भी कम होता है। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य कार्यकर्ता अनीता ठाकुर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मीरा देवी और आशा वर्कर रंजना सहित गांव की लगभग 50 महिलाओं ने भाग लिया।