हिम न्यूज़ शिमला। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), क्षेत्रीय कार्यालय, शिमला ने केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के बारे में केंद्र एवं हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार के विभागों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-I श्री राकेश कुमार ने विभागों के अधिकारियो को बताया कि भारत सरकार ने सभी व्याप्त संस्थानों के लिए यह योजना लागू की है परन्तु विनिर्माण क्षेत्र के संस्थानों पर विशेष ध्यान देते हुए सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए इस योजना को मंजूरी दे दी है।
योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए क्षेत्रीय आयुक्त ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है। योजना के भाग-ए के तहत, ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को लक्षित करते हुए, दो किस्तों में 15,000 रुपये तक का एक महीने का ईपीएफ वेतन दिया जाएगा। योजना के भाग-बी में सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक 3000 रुपये प्रति माह तक प्रोत्साहन देगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए, प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाए जाएंगे। इस योजना का लाभ 01 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित रोजगार पर लागू होगा।
क्षेत्रीय आयुक्त ने सभी हितधारकों से अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का अधिकतम लाभ उठाएं। क्षेत्रीय आयुक्त ने आह्वान किया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए सभी ई.पी.एफ. सदस्यों को अपना यू.ए.एन. सक्रिय करना होगा। ई.पी.एफ. सदस्यों से यह भी अनुरोध किया गया कि वे सभी ई.पी.एफ. सेवाएं ऑनलाइन प्राप्त करने के लिए अपना यू.एन.ए.एन. की के.वाई.सी. भी अपडेट करें।
इस कार्यक्रम के दौरान सभी विभागों को ठेकेदारों के माध्यम से काम पर रखे गए कर्मचारियों का भविष्य निधि अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए भी बताया गया तथा प्रधान नियोक्ता के रूप में ई. पी. एफ़. अधिनियम के अंतर्गत उनकी जिम्मेदारियों से भी अवगत करवाया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी विभागों के अधिकारियो से अनुरोध किया गया कि वे इस समय अपने सभी आउटसोर्स कर्मचारी को ई. पी. एफ़ के अंतर्गत पंजीकृत कर प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का लाभ ले सकते है।
जागरूकता कार्यक्रम में लगभग 15 विभागों के अधिकारी उपस्थित थे जिसमें मुख्य तौर पर हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, इंडस्ट्री, हिमऊर्जा, पावर कारपोरेशन, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, एसजेवीएन एवं अन्य विभागों के अधिकारी थे।