हिम न्यूज़ धर्मशाला/शिमला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने शोधार्थियों से पर्यावरण एवं आपदाओं से जुड़े विषयों पर अनुसंधान को समाज केंद्रित और समाज उपयोगी दिशा में ले जाने का आह्वान किया। उन्होंने विभाग को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सार्थक पहल के रूप में पौधारोपण अभियान शुरू करने के लिए प्रेरित किया। वे वीरवार को विश्वविद्यालय के शाहपुर परिसर में पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान स्कूल की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
“पर्यावरण स्थिरता, जलवायु अनुकूलन शीलता और आपदा प्रबंधन- 2025” विषय पर इस संगोष्ठी का शुभारंभ प्रारंभ मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सत्र मुख्यातिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल की गरिमामयी उपस्थित में प्रारंभ हुआ। सम्मेलन में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पो. आदर्श पाल विज वशिष्ठ अतिथि एवं डॉ. तेजपाल देहवा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे । कार्यक्रम में प्रो. दीपक पंत, अधिष्ठाता पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान स्कूल, प्रो. सुनील ठाकुर, अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं पृथ्वी और पर्यावरण स्कूल के साथ अन्य स्कूलों के सभी गणमान्य प्राध्यापक उपस्थित रहे ।
विशिष्ठ अतिथि प्रो. आदर्श पाल विज ने सम्मेलन में “प्लास्टिक के विकल्पों” विषय पर अपना व्याख्यान दिया उन्होंने विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR) की महत्ता पर प्रकाश डाला और बताया कि प्लास्टिक के निर्माण और उपयोग से होने वाले पर्यावरणीय एवं स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभावों को कम करने में निर्माता और उपभोक्ता दोनों की जिम्मेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्य वक्ता डॉ तेजपाल देहवा ने “जलवायु परिवर्तन के वैश्विक खाद्य सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों” पर अपना व्याख्यान दिया उन्होंने बताया कि बदलते जलवायु पैटर्न का प्रभाव केवल वैज्ञानिक या नीतिगत स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आम जनजीवन को भी सीधे प्रभावित करता है — जैसे कृषि उत्पादकता में गिरावट और चरम मौसम घटनाओं की बढ़ती प्रवृत्ति।
अधिष्ठाता प्रो. दीपक पंत ने सभी प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत किया और सम्मेलन की वैश्विक पर्यावरणीय परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने पर्यावरण दिवस 2025 की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण” पर उपस्थित महानुभावों से चर्चा की। दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से 70 से अधिक प्रतिभागी अपने अपने शोध विषयों पर पोस्टर एवं मौखिक प्रस्तुति प्रस्तुत करेंगे। राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार एवं रजिस्ट्रार प्रो. सुमन शर्मा ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं।