सेंट एडवर्ड्स स्कूल ने पूरे गौरव और उत्साह के साथ मनाया शताब्दी स्थापना दिवस

हिम न्यूज़ शिमला। समय बदला, पीढ़ियाँ आगे बढ़ती रहीं, लेकिन सेंट एडवर्ड्स स्कूल, शिमला की शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुशासन, चरित्र निर्माण और नैतिक मूल्यों की परंपरा सदैव सशक्त और अडिग बनी रही। 100 वर्षों की यह ऐतिहासिक यात्रा न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक रही, बल्कि नेतृत्व, समाज सेवा और मानवीय मूल्यों के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के कारण यह विद्यालय हमेशा अलग पहचान बनाए रहा। 9 मार्च,1925 को बिशप एडवर्ड केनाली और कोलंबन डोह्नी  आयरिश क्रिश्चन ब्रदर्स,द्वारा स्थापित यह विद्यालय आज अपनी शताब्दी वर्षगाँठ मना रहा है। एक ऐसा ऐतिहासिक क्षण, जो न केवल इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज़ होगा, बल्कि हर एडवर्डियन के हृदय में भी सदा जीवंत रहेगा।

इस ऐतिहासिक अवसर को और भी भव्य बनाने के लिए अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजय करोल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहें।उनके साथ, बिशप इग्नेशियस मस्कारेन्हास सम्मानित अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने पहुँचे।

न्यायमूर्ति संजय करोल सेंट एडवर्ड्स स्कूल के पूर्व छात्र हैं और उनकी उपलब्धियाँ इस विद्यालय की अनुशासन एवं नैतिक शिक्षा का प्रमाण हैं। उन्होंने सेंट एडवर्ड्स से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से ऑनर्स स्नातक एवं कानून की उपाधि अर्जित की। अपने विधि-जीवन में उन्होंने दिल्ली और अन्य उच्च न्यायालयों में अधिवक्ता के रूप में कार्य किया। 1998 में हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) के पद पर नियुक्त हुए और 1999 में वरिष्ठ अधिवक्ता (सीनियर एडवोकेट) का दर्जा प्राप्त किया। कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए, 6 फरवरी 2023 को वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए।

समारोह का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ हुआ, जहाँ मुख्य अतिथि द्वारा विद्यालय के ध्वज को फहराया गया। यह ध्वज विद्यालय के सिद्धांत —“प्रकाश का अनुसरण” का प्रतीक है। ध्वजारोहण के पश्चात, विद्यालय गान का सामूहिक गायन किया गया, जिसने पूरे वातावरण को गौरव और एकता की भावना से भर दिया। इसके उपरांत विद्यालय के चारों सदनों के छात्रों ने अनुशासनबद्ध मार्च पास्ट परेड प्रस्तुत की। इस अवसर पर वरिष्ठ पूर्व एडवर्डियंस तथा पूर्व छात्र भी उपस्थित रहे जिन्होंने शताब्दी के स्वर्णिम पलों को भावपूर्वक महसूस किया। उन्होंने अपनी पुरानी यादों को ताज़ा करते हुए, मार्च पास्ट में भी उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह क्षण और अधिक गौरवशाली और भावुकतापूर्ण बन गया।

इस दौरान, विद्यालय की नई छात्र कैबिनेट का गठन भी किया गया, जिसमें निम्न छात्रों को जिम्मेदारियाँ सौंपी गईं। प्रधानाचार्य फादर अनिल सिक्वेरा ने सभी नव-निर्वाचित छात्र प्रतिनिधियों को शपथ दिलाई, जिसके पश्चात मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति संजय करोल एवं बिशप इग्नेशियस मस्कारेन्हास ने उन्हें बैज प्रदान कर सम्मानित किया। “एक विरासत जो कायम रहती है”—यह केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि सेंट एडवर्ड्स स्कूल की 100 वर्षों की यात्रा का सार है। इस विरासत को चिरस्थायी बनाने के लिए और 100 वर्षों की शैक्षणिक उत्कृष्टता और गौरवशाली विरासत का सम्मान करते हुए एक विशेष स्मारक डाक कवर का आधिकारिक विमोचन शिमला मंडल (लेबर ब्यूरो भवन)में वरिष्ठ अधीक्षक डाक, के द्वारा किया गया।यह न केवल विद्यालय के गौरवशाली इतिहास को अमर बनाता है, बल्कि उन हज़ारों विद्यार्थियों की उपलब्धियों का भी प्रतीक है, जिन्होंने यहाँ से शिक्षा प्राप्त कर समाज में अपनी पहचान बनाई।

विद्यालय ने इस असाधारण उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए एक विशेष विज्ञापनात्मक लेख (एडवर्टोरियल) भी जारी किया, जिसे पूरे हिमाचल प्रदेश में प्रसारित किया गया।कार्यक्रम के समापन पर, नव-निर्वाचित स्कूल कैप्टन अयान सिंह बिष्ट ने सभी आगंतुकों, अतिथियों एवं विद्यालय परिवार के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। जैसे ही पूरा परिसर राष्ट्रीय गान की गूंज से भर उठा, हर एडवर्डियन का हृदय गर्व से भर गया। इस दिन का समापन इससे अधिक उपयुक्त नहीं हो सकता था, जब लेंट के पवित्र उपवास के अवसर पर पवित्र मास का आयोजन किया गया। इस आध्यात्मिक सभा ने एडवर्डियन समुदाय को अपने विश्वास पर चिंतन करने, कृतज्ञता व्यक्त करने और आगे की यात्रा के लिए दिव्य मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया। सौवीं वर्षगांठ का यह उत्सव, जिसमें श्रद्धा और हर्षोल्लास का सुंदर समावेश था, विद्यालय की समग्र विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का सच्चा प्रमाण था।

आज के दिन का अंत केवल एक समारोह के समापन से नहीं हुआ, बल्कि एक नई सदी की शुरुआत के साथ हुआ है —जहाँ सेंट एडवर्ड्स स्कूल आने वाली पीढ़ियों के लिए अनुशासन, सेवा और शिक्षा का प्रकाश बना रहेगा।