हिंदी के व्यापक कामकाज को बढ़ावा देने के लिए आत्म निरीक्षण की आवश्यकता : प्रेम प्रकाश

हिम न्यूज़ शिमला। हिंदी के व्यापक कामकाज को बढ़ावा देने के लिए हमें आत्म निरीक्षण की आवश्यकता है, यह बात एसजेवीएन  के मुख्य सतर्कता अधिकारी प्रेम प्रकाश ने राजभाषा पखवाड़े के तहत आयोजित व्याख्यान ‘ हिंदी भाषा , राजभाषा: आत्मनिरीक्षण के विविध आयाम ‘ के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि हिंदी के परिप्रेक्ष्य में हमारी सारी  भावनाएं हिंदी दिवस पर ही उमड़ती हैं।  उन्होंने कहा कि हिंदी की नींव बहुत मज़बूत है और हमें राजभाषा के तौर पर इसका प्रयोग करने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि  वर्ष 2001  की जनगणना में  भारतीयों  की प्रथम भाषा के रूप में हिंदी 41  प्रतिशत लोगों की भाषा थी। जो कि वर्ष 2011 में बढ़कर 43 प्रतिशत हो गयी थी और अब इसके 41  से 46 प्रतिशत तक के होने का अनुमान है।  उन्होंने बताया कि देश में द्वितीय भाषा के रूप में 10 प्रतिशत लोगों द्वारा ही अंग्रेजी बोली जाती है। इस अवसर पर उन्होंने अपने व्यख्यान की शुरुआत प्रसिद्ध शायर मिर्ज़ा ग़ालिब के शेयर से की।  उन्होंने सभी भारतीय भाषाओं के समेकित विकास पर जोर दिया।  उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रांतों के बीच संपर्क के तौर पर  हिंदी एवं स्थानीय भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए।  इस अवसर पर उन्होंने प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार रघुवीर सहाय की कविता का पाठ  भी किया।  

प्रेम प्रकाश ने कहा कि हिंदी भाषा हमारी संस्कार की भाषा है और हमारी पहचान का हिस्सा है।  देश की सांस्कृतिक विविधता को एक सूत्र में पिरोने  के लिए हिंदी एक सशक्त माध्यम  है। प्रेम प्रकाश ने अपने व्याख्यान में राजभाषा के कार्यान्वयन में आ रही कठिनाइयों और चुनौतियों के संबंध में चर्चा करते हुए राजभाषा कार्यान्वयन संबंधी अपने अनुभवों को साझा किया।

इस अवसर पर आभार  व्यक्त करते हुए एसजेवीएन  के कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन ) चंद्र शेखर यादव ने  कहा कि राष्ट्र की परिकल्पना में राष्ट्र भाषा का विशेष महत्व है।  उन्होंने राजभाषा की चुनौतियों पर प्रकाश डाला और कहा कि हमें हिंदी के प्रयोग को कार्यालयी कामकाज में प्रोत्साहन देना चाहिए।  उन्होंने  हिंदी पखवाड़े के अवसर पर आयोजित की गयी सभी प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों और उपस्थित कर्मियों  का आभार भी व्यक्त किया।

इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक (सिविल संविदा ), एस. मारास्वामी, सहित एसजेवीएन के विभिन्न विभागाध्यक्ष , अनुभागाध्यक्ष एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे। 14 से 28 सितम्बर तक आयोजित किये गए राजभाषा पखवाड़े के तहत एसजेवीएन के देश के विभिन्न राज्यों में स्थित कार्यालयों में 30 से अधिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।