हिम न्यूज़ शिमला। पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के 10 साल पूरे होने पर इस योजना को वित्तीय समावेशन की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम बताया है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि एक दशक पहले आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की शुरुआत इस सोच के साथ करी कि भारत में हर व्यक्ति के पास अपना बैंक खाता हो जिस से प्रत्येक नागरिक बैंकिंग प्रणाली से जुड़ कर अपना जीवन सुगम बना सके। आज इस योजना के 10 साल पूरे होने पर इसकी लोकप्रियता ही इस योजना की सफलता का प्रमाण है।
हांलाकि उस समय, कुछ लोगों ने इसे महज़ ‘नौटंकी’ कहकर खारिज कर दिया था जबकि आज यह भारत के वित्तीय इतिहास में सबसे सफल पहलों में से एक है, जिसने वित्तीय समावेशन परिदृश्य को मौलिक रूप से नया आकार दिया है। पिछले दस वर्षों में 53 करोड़ से ज़्यादा बैंक खाते खोले गए हैं, यानी हर महीने औसतन 44 लाख नए खाते खोले गए हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने पहली बार लाखों लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में शामिल किया है।
आगे बोलते हुए अनुराग सिंह ठाकुर में कहा “जन धन खातों में कुल जमा राशि अब ₹2 लाख करोड़ को पार कर गई है, जो लोगों का प्रधानमंत्री व उनकी योजना पर अटूट भरोसे को दर्शाता है। इन छोटी बचतों ने अनगिनत लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। ग्रामीण/अर्ध शहरी भारत में इस योजना का प्रभाव विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जहाँ 67% खाते इन क्षेत्रों में हैं। इसने वंचितों को सशक्त बनाया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच अब दूर का सपना नहीं बल्कि सभी के लिए एक वास्तविकता है, चाहे उनकी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि वित्तीय समावेशन के इस बदलाव में महिलाएं सबसे आगे रही हैं । जनधन खाताधारकों में 56% महिलाएं हैं। इसने न केवल वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया है, बल्कि लैंगिक समानता में भी योगदान दिया है, नारी शक्ति को सशक्त बनाया है। इस योजना द्वारा रखी गई नींव मजबूत है जिसके परिणाम खुद बोलते हैं।