फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना का दूसरा चरण

हिम न्यूज़,सरकाघाट – हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना जाइका ओडीए के दूसरे चरण के अंतर्गत बहाव सिंचाई व उठाव सिंचाई परियोजना कोलनी , थोआईं , बग्गी पोंटा, गुलानु, अल्सोगी और योह में उन्मुखीकरण और आवश्यकता मूल्यांकन का एक दिवसीय शिविर आयोजित किया गया।इस अवसर पर कृषि अधिकारी निवेश ठाकुर व कृषि विस्तार अधिकारी निशांत पराशर ने बहाव सिंचाई व उठाव सिंचाई परियोजना के तहत बताया कि इसमें कुल 85 हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाएगा, जिससे लगभग 460 किसान परिवारों को लाभ मिलेगा।इस शिविर में लगभग 210 किसानों ने भाग लिया और उन्हें 1600 के करीब गलगल के पौधे प्रदान किए गए।उन्होंने इसके साथ ही गलगल के पौधे के बारे में किसानो को जानकारी देते हुए बताया कि गलगल के पौधे के लिए उपयुक्त जलवायु ठंडी और आर्द्र होती है। यह पौधा उपजाऊ और जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से पनपता है।गलगल का पौधा मानसून के समय में लगाना सबसे अच्छा होता है। पौधों को 5×5 मीटर की दूरी पर रोपित करना चाहिए ताकि उन्हें पर्याप्त जगह मिले।गलगल के पौधे को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, खासकर फल आने के समय। साथ ही, पौधों को कीट और रोगों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों के उपयोग के बारे में भी जानकारी दी।