हिम न्यूज़ मंडी। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि जोगिन्द्रनगर क्षेत्र में 10 जुलाई को पीलिया के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा 15,000 क्लोरीन की गोलियां बांटी जा चुकी हैं और इनका वितरण लगातार जारी है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें पीलिया की रोकथाम के लिए हर घर हर सदस्य तक पहुंचेगी ताकि किसी में भी पीलिया के हल्के लक्षण पाए जाने पर समय पर उसका उपचार शुरू किया जा सके। उपायुक्त आज यहां पीलिया संक्रमण को रोकने के लिए वी सी के माध्यम से बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवियों की मदद भी ली जाएगी।
बैठक में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को समय पर लैब रिपोर्ट देने और जागरूकता के लिए अधिक से अधिक आइईसी गतिविधियों को आयोजित करने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि पीलिया के मामलों की रोजाना रिपोर्ट ली जा रही है। उन्होंने नगर परिषद, पंचायती राज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा जल शक्ति विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के भी निर्देश दिए ताकि इस बीमारी को नियंत्रित करने में मदद मिल सके।
पीलिया से अभी तक केवल दो मौत की पुष्टि-सीएमओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि हैपेटाईटिस-ए के संक्रमण फैलने के बाद केवल दो लोगों की मृत्यू ही हैपेटाईटिस-ए की वजह से हुई है। पिछले कल जिस रोगी की मृत्यू पी जी आई चंडीगढ़ में हुई थी उसका कारण गंभीर गुर्दे की विफलता( किडनी फेल्यर) थी। उसी तरह इसी क्षेत्र में 18 अगस्त को हुई मृत्यू का कारण गंभीर लीवर की चोट थी। इन दोनों मृत्यू की पुष्टि पी जी आई चण्डीगढ़ की रिपोर्ट से हुई है।
क्या है पीलिया रोग
पीलिया एक अत्यधिक संक्रामक लीवर विकार है जो हैपेटाईटिस-ए वायरस के कारण होता है जिससे लीवर मे सूजन होती है व लीवर की सामान्य कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। पीलिया का कोई विशेष उपचार नहीं है। पीलिया के लक्षण होने पर कुछ रक्त व मूत्र के परिक्षण की सलाह दी है।
पीलिया होने के कारण
किसी संकमित व्यक्ति के मल से दूषित भोजन या पानी का सेवन करने से, शौचालय जाने के बाद बिना हाथ धोए संक्रमित व्यक्ति के हाथों खाना खाने से, दूषित जल के प्रयोग से, दूषित जल से प्राप्त कच्ची शंख मछली के सेवन से, बिना धोए फल या कच्ची सब्जी के सेवन से और संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क से पीतिया फैलता है।
लक्ष्णः –
बुखार, गाढ़े रंग का पेशाब व हल्के रंग का मल आना, नाक बहना, दस्त, पेट के दाहिनी तरफ र्दद होना, पाचन तंत्र में गड़बड़ी व उल्टीयां, जोड़ों का दर्द, थकान व कमजोरी, भूख में कमी, खुजली व लाल चकत्ते इसके लक्ष्ण हैं। ।
निदान व उपचारः-
पानी को कम से कम 15 मिनट तक उबालकर ठण्डा करके प्रयोग में लाने से, खाना बनाने और खाने से पहले व शौच के बाद हाथ साबुन से अच्छी तरह धोने से, शराब से परहेज करने से, तरल पदार्थों का अधिक सेवन करने से और हैपेटाईटिस के टीकाकरण द्वारा पीलिया से बचा जा सकता है।